Bihar Board 12th Hindi O Sadaneera Subjective Question 2025: 7. ओ सदानीरा प्रश्न उत्तर , (सीधें परीक्षा में लड़ेगा), @Officialbseb.com

Bihar Board 12th Hindi O Sadaneera Subjective Question 2025

Bihar Board 12th Hindi O Sadaneera Subjective Question 2025: 7. ओ सदानीरा प्रश्न उत्तर , (सीधें परीक्षा में लड़ेगा), @Officialbseb.com

Bihar Board 12th Hindi O Sadaneera Subjective Question 2025:

प्रश्न 1. चम्पारण में शिक्षा की व्यवस्था के लिए गाँधी जी ने क्या किया? [Sc. & Com. 2020A; Arts 2010A, 2009A]
उत्तर – चंपारण में नील की खेती करने वाले किसानों पर जो तरह-तरह के अत्याचार हो रहे थे उसको दूर करने में गाँधीजी की भूमिका अपूर्व रूप से आलोकित होती है। गॉंजी ने इस स्थिति का अच्छी तरह से जायजा लिया और विचार व्यक्त किया कि जब तक यहाँ की शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं होगी तब तक अत्याचार की समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने चंपारण में शिक्षा की व्यवस्था मजबूत हो इसके लिए कुछ ग्रामीण विद्यालयों की स्थापना करवाई। थोड़े दिन के बाद उन्होंने तीन गाँवों में आश्रम विद्यालय स्थापित किए बड़हरवा, मधुबन और भितिहरवा । कुछ निष्ठावान कार्यकर्ताओं को तीन गाँवों में तैनात किया। बड़हरवा के विद्यालय को विदेश में शिक्षा प्राप्त इंजीनियर श्री बदनजी गोखले और विद्वषी पत्नी अवतिका बाई गोखले ने चलाया। इस प्रकार गाँधीजी के द्वारा चंपारण में शिक्षा की व्यवस्था की गई।

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प्रश्न 2. चम्पारण-क्षेत्र में बाढ़ आने के प्रमुख कारण क्या है? (Sc. & Com. 2019AJ
उत्तर- चंपारण क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका से एक विशाल क्षेत्र प्रभावित है। गंडक, मसान, सिकराना, पडई इत्यादि इस क्षेत्र में सतत् प्रवाहित होती है। अपने आसपास हरे-भरे वृक्षों के नयनाभिराम दृश्य के बीच मखमली हरित-कालीन सी उर्वरा भूमि को निरंतर अपने जल से सिंचित करती है। मनुष्य, पशु, पक्षी आदि समस्त प्राणियों की प्यास भी इनके जल से बुझती है, तभी तो लेखक ने उन्हें संबोधित किया है “ओ सदानीरा “।
किन्तु पिछले छह-सात सौ साल से, चंपारण से गंगा तक फैले “महावन” (विस्तृत वन क्षेत्र) के वृक्षों का काटा जाना बदस्तूर जारी है। इसके परिणामस्वरूप नदियों के तटों पर पानी का कटाव निरंतर चलता रहता है। इन नदियों ने अपना ध *र्य खो दिया है। अतः वर्षा ऋतु में हिमालय की ढलान से बहकर आया जल तथा वर्षा का जल बाढ़ की प्रचंडता का कारण बन जाता है। इस त्रासदी को झेलने के लिए यहाँ निवास करने वाले अभिशप्त हैं।

प्रश्न 3. गंगा पर पुल बनाने में अंग्रेजों ने क्यों दिलचस्पी नहीं ली ? /Sc. & Com. 20164/
उत्तर- अंग्रेज विशेषकर अपनी कोठियाँ वहीं बनवाते थे जहाँ उनको रहने की अत्यधिक सुविधाएँ प्राप्त हो सके। उन दिनों उत्तर बिहार में दौरा करने वाले अफसरों के लिए देहात में डाकबंगले नहीं बनते थे वे सभी साहबों की कोठियों में ठहरते थे। दक्षिण बिहार के बागीविचारों का असर चंपारण में देर से पहुँचे। इसलिए, नदी पर पुल बनाने में अंग्रेजों ने कोई दिलचस्पी नहीं ली।

प्रश्न 4. पुंडलीकजी कौन थे ? [Sc. & Com. 20144, 20094; Arts 2017A)
उत्तर- पुंडलीकजी मितिहरवा विद्यालय के अध्यक्ष थे। मितिहरवा आश्रम में रहकर बच्चों को पढ़ाने के लिए और ग्रामवासियों के दिल से भय दूर करने के लिए रहे थे।

प्रश्न 5. ‘ओ सदानीरा’ पाठ में आए नौका विहार प्रसंग का वर्णन करें। [Sc. & Com. 2013A, 2012A; Arts 2012A /
उत्तर- जगदीशचन्द्र माथुर द्वारा रचित ‘ओ सदानीरा’ शीर्षक निबंध के माध्यम से गंडकk नदी को निमित्त बनाकर उसके किनारे की संस्कृति और जीवन प्रवाह की अंतरंग झाँकी पेश करते हैं जो स्वयं गंडक नदी के तरह प्रवाह दिखलाई पड़ता है। ओ सदानीरा पाठ में आये नौका विहार प्रसंग बहुत ही मनमोहक है। गंडक नदी में नौका विहार अनुभव लेखक को प्राप्त है। उनका कहना है कि गंडक नदी में नौका विकार बहुत ही मनमोहक लगता है। नौका विहार होने से गंडक नदी के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। साथ ही गंडक नदी के किनारे की संस्कृति और जीवनप्रवाह के बारे में नौका विहार से विशेष अनुभव भी प्राप्त होता है।

प्रश्न 6. ओ सदानीरा किस नदी के लिए कहा गया है? [Sc. & Com. 2009A; Arts 2019A-
उत्तर- ओ सदानीरा गंडक नदी के लिए कहा गया है।

प्रश्न 7. ‘घाँगड़’ शब्द का क्या आशय अर्थ है? [Arts 2019A, 2017A, 200941
उत्तर- पाठ ‘ओ सदानीरा’ के आधार पर कहा जाता है कि “धाँगड़ 18वीं शताब्दी के अंत में नील के खेती के सिलसिले में चंपारण लाए गए। यह जाति वहाँ की आदिवासी जातियों ओराँव, मुंडा, लोहार इत्यादि के वंशज हैं। ‘घाँगड़’ शब्द का अर्थ ओरांव भाषा में है-भाई का मजदूर।

प्रश्न 8. गांधीजी ने झोपड़ी कहाँ बनायी थी? [Arts 2019A]
उत्तर- गाँधीजी ने मठ के निकट एक महुए के पेड़ के नीचे अपनी झोपड़ी बनायी थी।

प्रश्न 9. गांधीजी के शिक्षा संबंधी आदर्श क्या थे?
उत्तर-गाँधीजी के जो शिक्षा-संबंधी आदर्श थे वे इस प्रकार प्राप्त होते हैं 1 वह स्कूलों में किसी तरह का नपा-तुला पाठ्यक्रम चालू नहीं किया। वर्तमान शिक्षा-पद्धति को चलाने के लिए यह सिद्धांत जरूरी था। उनके शिक्षा आदर्श में छोटे बच्चों के चरित्र और बुद्धि का विकास वाली ही शिक्षा होनी चाहिए। बच्चे ऐसे पुरुष और महिलाओं के सम्पर्क में आए जो संस्कृत हो और चरित्र जिनका निवकलित हो। उनके आदर्श में अक्षर ज्ञान तो इस उद्देश्य की प्राप्ति का एक साधन मात्र है। उनके आदर्श में शिक्षा प्राप्त करके केवल नौकरी प्राप्त करना ही नहीं था बल्कि खेती और ग्रामीण जीवन को उत्तम बनाना भी था

प्रश्न 10. अंग्रेज नीलहे किसानों पर क्या अत्याचार करते थे ?
उत्तर- अंग्रेजों की यह तो नियति ही बन गई थी कि जुल्म, अत्याचार और शोषण के द्वारा भारतीयों पर शासन करना। अंग्रेज किसानों से जबरदस्ती नील को खेती कराते। हर बीस कट्ठा जमीन में तीन कट्ठा नील की खेती के लिए हर किसान को रखना जरूरी था। चंपारण और कुछ आस-पास के इलाकों में नौल की खेती कराने वाले साहबों का साम्राज्य था। निलहे किसान गोरों के हाथ का पुतला था। जब नील की माँग कम हो गई थी फिर भी अंग्रेज निलहे किसानों से जबरदस्ती खेती करवाते। उससे प्राप्त होनेवाले मोटे रकम अंग्रेजों को मिलते थे। इस प्रकार निलहे किसान अंग्रेज के अत्याचार से उब चुके थे।

11. चम्पारण क्षेत्र में बाढ़ की प्रचंडता के बढ़ने के क्या कारण हैं?
उत्तरः- चम्पारण क्षेत्र में बाढ़ की प्रचंडता का सबसे बड़ा कारण है जंगलों की कटाई। पेड़-पौधों की जड़े मिट्टी के कटाव को रोकती है। मिट्टी का अधिक कटाव के कारण बांध टूटते है। इस कारण बाढ़ आ जाती है।

12. इतिहास में कीमियाई प्रक्रिया का क्या आशय है?
उत्तर:- कर्णाट वंश के राजा दक्षिण भारत के थे। वे चम्पारण या मिथिला में विजय यात्रा के क्रम आए और यही वस गए। यही तो कीमियाई प्रक्रिया है। दूसरे क्षेत्र के लोग जब किसी अन्य क्षेत्र में बस जाते हैं और वहाँ की सम्यता संस्कृति तथा इतिहास का अंग बन जाते है तो इसे कीमियाई प्रक्रिया कहते है।

13. धाँगड़ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:- धाँगड़ शब्द का अर्थ होता है भाड़े का मजदूर। इन्हें 18वीं शताब्दी के अंत में छोटानागपुर के आदिवासी क्षेत्र से लाया गया। ये ओराव, मुंडा, लोहार आदि आदिवासी जाति से मेल खाते हैं। इन्हें नील की खेती में सहयोग के लिए चम्पारण लाया गया। इन्हें गुलामों का जीवन जीना पड़ता था। ये अपने लोगों के साथ ओराव भाषा में बातें करते थे तथा अन्य लोगो के साथ भोजपुरी में।

14. पाठ के आधार पर थारूओं की कला वर्णन करें?
उत्तर:- थारू जाति के लोग गरीब होने के बाद भी बड़े कला प्रेमी होते है। वे अपने घरेलू वर्त्तनों को रंगीन सेंक से बना लेते हैं जो बड़ा सुन्दर लगता है। वे नृत्य एवं गायन में भी बड़े निपुण होते हैं। सीप के झालर भी बड़े सुन्दर रूप में बनाते हैं। मूँज से भी ये चटाई आदि बड़े कलात्मक ढंग से बना लेते हैं। इन सबों में नव वधुओं का अलंकरण सर्वोत्तम होता है। वह इस अलंकरण के साथ पति को खेत में भोजन पहुँचती है। वह मौड़ी के किस्म का अलंकार होता है।

15. कपिल वस्तु से मगध के जंगलों तक की यात्रा बुद्ध ने किस मार्ग से की थी?
उत्तर:- नेपाल के निकट भिखनाथोरी में बहने वाली नदी पंडई के रास्ते बुद्ध ने मगधतक की यात्रा की होगी। इसमें कही-कही पर गंडक नदी से भी यात्रा की होगी।

16. अंग्रेज नीलहे किसानों पर क्या अत्याचार करते थे?
उत्तर:- गोरो नीलहे किसानों के साथ पशुवत व्यवहार करते थे। किसानों के द्वारा तनिक भी विरोध करने पर उनके घर को जला दिया जाता था। जिस मार्ग से अंग्रेज जाते थे उस पर पशु ले जाना मना था। उनसे बेगार काम लिया जाता था। उन्हें नजराने के रूप में भी देना पड़ता था। विरोध करने पर जेल में बंद कर दिया जाता था, मारा-पीटा जाता था।

17. गंगा पर पुल बनाने में अंग्रेजों ने क्यों दिलचस्पी नहीं ली?
उत्तर:- दक्षिण बिहार में अंग्रेजों के विरूद्ध आंदोलन तेज हो रहा था। मुंडा आंदोलन उग्र हो रहा था। दक्षिण के आंदोलन का प्रभाव उत्तर बिहार पर न पढ़े इसलिए अंग्रेजों ने पुल बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

18. चम्पारण में शिक्षा व्यवस्था के लिए गांधी जी ने क्या किया ?
उत्तर:- चम्पारण में शिक्षा व्यवस्था के लिए गांधी जी ने तीन आश्रम विद्यालय खुलवाया। एक बड़हरवा, दूसरा मधुवन और तीसरा भितिहरवा। तीनों में योग्य और चरित्रवान शिक्षकों को भेजा।

19. गांधी जी के शिक्षा सम्बंधी आदर्श क्या थे?
उत्तर:- गांधी बुनियादी शिक्षा के हिमायती थे। वे शिक्षा के माध्यम से छात्रों को स्वाबलम्बी और चरित्रवान बनाने चाहते थे। इसलिए अपने आश्रम विद्यालयों में काफी चरित्रवान शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया। वे पुस्तकीय ज्ञान से अधिक व्यवहारिक ज्ञान पर बल देते थे। अंग्रेजी शिक्षा के स्थाने पर स्वदेशी शिक्षा की स्थापना उनका आदर्श था।

20. पुंडलीक जी कौन थे?
उत्तर:- पुंडलिक जी चंपारण में भितिहरवा आश्रम विद्यालय के शिक्षक थे। वे गांधी जी के सच्चे अनुयायी थे। गांधी जी ने उन्हें वेलगांव से 1917 में बुलवाया। वे बड़े ज्ञानी निर्भीक और सदाचारी शिक्षक थे।

21. गांधी जी के चम्पारण आंदोलन की महत्त्वपूर्ण सीखें क्या हैं?
उत्तर:- गांधी जी के चम्पारण आंदोलन की महत्त्वपूर्ण सीखे दो हैं । एक निर्भीकता और स्वतंत्रता तथा दूसरी जाँच-पड़ताल कर दोषारोपण करना। अर्थात अनजाने ही किसी पर दोषारोपण नहीं करना चाहिए। व्यक्ति को पुंडलीक जी जैसा निर्भीक बनना चाहिए।

22. चौर और मन किसे कहते हैं?
उत्तर:- चौर और मन ताल को कहते हैं। चौर जहाँ उथले ताल होते हैं वही मन गहरे ताल। चौर में जाड़ा एवं गर्मियों में पानी कम हो जाता है। उसमें खेती भी होती है तथा मन गहरे और विशाल ताल होते हैं।

23.भुइयाँ चम्पारण कैसे आए?
उत्तर:- दक्षिण बिहार के गया जिले से भुइयाँ लोग चम्पारण आए। धाँगड़ की तरह ये लोग भी नील की खेती के लिए लाये गए थे।

24. चम्पारण ने किसको किसको आश्रय दिया है?
उत्तरः- चम्पारण में बहुतों ने आश्रय पाया है। 12वीं शताब्दी में कर्णाटवंशी राजा आए, मुसलमान शासक गयासुद्दीन तुगलक ने भी राज किया। आजीविका की खोज में थारू, धाँगड़, भुइयाँ आदि आदिवासी वर्ग के लोग आए। जुल्मी अंग्रेजी ने भी यहाँ आकार खूब कमाया। इतना ही नहीं बंगलादेशी शरणार्थियों को भी यहाँ शरण मिला।

25. वैशाली की महत्ता का वर्णन करें?
उत्तर:- वैशाली लिच्छिवियों की राजधानी थी। यहाँ की राजनर्तकी आम्रपाली ने महात्मा बुद्ध को अपना आम्रकानन समर्पित कर दिया। जैन तीर्थंकर महावीर का जन्म भी यही हुआ था।

 

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