Bihar Board 12th Geography Chepter-1 Subjective Question 2025: इसके बाहर नहीं आएगा प्रश्न उत्तर, @officialbseb.com

Bihar Board 12th Geography Chepter-1 Subjective Question 2025

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Bihar Board 12th Geography Chepter-1 Subjective Question 2025:

1. मानव भूगोल – प्रकृति एवं विषय-क्षेत्र

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Q.1. मानव भूगोल की प्रकृति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
Ans. भूगोल की प्रमुख शाखा के रूप में मानव भूगोल मानवीय तत्वों का अध्ययन करता है। मानव तथा पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन मानव भूगोल का केन्द्र-बिन्दु है। भूगोलवेत्ता जीन बुंश के अनुसार जिस प्रकार अर्थशास्त्र का संबंध कीमतों से, भूगर्भशास्त्र का संबंध शैली से, वनस्पति विज्ञान का संबंध पौधों से, मानवाचार विज्ञान का संबंध जातियों से तथा इतिहास का समय से है, उसी प्रकार भूगोल का केन्द्र-बिन्दु स्थान है, जिसमें कहाँ और क्यों जैसे महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास किया जाता है।

Q.2. मानव भूगोल के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए। (VVI)
Ans. अमेरिकी भूगोलवेत्ताओं फिंच और ट्विार्था ने मानव भूगोल की विषय-वस्तु को मुख्यतः दो भागों में बाँटा है-
1.भौतिक तथा प्राकृतिक पर्यावरण।
(2) सांस्कृतिक अथवा मानव-निर्मित पर्यावरण।
लक्षण (Features):
1. भौतिक या प्राकृतिक पर्यावरण (Physical or Natural environment) : इसके लक्षण निम्नलिखित है- (i) इसके अन्तर्गत भौतिक लक्षण जैसे जलवायु, धरातलीय उच्चावच एवं अपवाह प्रणाली आदि का अध्ययन किया जाता है। (ii) प्राकृतिक संसाधन जैसे मृदा, खनिज, जल, वन एवं वन्य प्राणी आदि भी भौतिक पर्यावरण के अंग हैं।
2. सांस्कृतिक या मानव निर्मित पर्यावरण (Cultural or Human made Environment): इसके अन्तर्गत मानव-निर्मित पर्यावरण का बोध होता है। इसके लक्षण निम्नलिखित हैं-
(i) मानव जनसंख्या, मानव बस्तियाँ तथा मानव व्यवसाय आदि आते हैं।
(ii) विभिन्न उद्योग, कृषि पशुचारण, परिवहन, संचार आदि भी इसमें सम्मिलित होते हैं।

Q.3. मानव भूगोल की नियतिवाद अथवा, निश्चयवादी विचारधारा क्या है? [2014]
Or. पर्यावरणीय निश्चयवाद की अवधारणा लिखें।
Ans. इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य के सभी कार्य पर्यावरण द्वारा निर्धारित होते हैं। मानव भूगोल में भौगोलिक वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं और गुणों के पारस्परिक संबंधों के वितरण और स्वरूप का अध्ययन होता है। इतिहास, संस्कृति, जीवन-स्तर सब पर्यावरण पर निर्भर करता है। इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य आरंभ में क्रियाशील प्राणी रहा है और उसके क्रियाकलापों का प्रभाव वातावरण पर पड़ता है। इस विचारधारा के समर्थक कुमारी सेंपल तथा एन्सवर्थ हटिंगटन है।

Q.4. मानव भूगोल की व्यवहारगत विचारधारा को परिभाषित करें। (VVI)
Ans. व्यवहारगत विचारधारा का अध्ययन एक वैज्ञानिक उपागम है। इस विचारधारा का उद्भव 1970 के दशक में हुआ है। इस विचारधारा से मानव भूगोल के सामाजिक, राजनीतिक स्वरूप को जानने में सहायता मिलती है जिसके अन्तर्गत बाह्य प्रभावों (पर्यावरण प्रभावों) के प्रति मानवीय प्रतिक्रिया या व्यवहार का मापन तथा विश्लेषण किया जाता है।

Q.5. नवनिश्चयवादी विचारधारा की विवेचना करें।
Ans. नवनिश्चयवादी विचारधारा निश्चयवाद और सम्भववाद के मध्य की विचारधारा है। ग्रिफिथ टेलर इस विचारधारा के प्रतिपादक है। उनके अनुसार मानव निश्चित सीमा तक ही पर्यावरण को प्रभावित कर सकता है। इसी प्रकार पर्यावरण मानव की बुद्धि व कुशलता को प्रभावित करने में एक सीमा तक सक्षम होता है। इसीलिए ग्रिफिथ टेलर ने निश्चयवाद का संशोधन करके उसे, ‘रुको और जाओ निश्चयवाद’ (Stop and Go Determinism) के रूप में ‘नव-निश्चयवाद’ का स्वरूप प्रदान किया।

Q.6. मानव भूगोल की संभववादी विचारधारा क्या है?
Or. संभववाद को परिभाषित करें। इसकी विशेषताएँ बताएँ। [2015,2018]
Ans. इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है, तथा वह प्रकृति प्रदत अनेक संभावनाओं को अपनी इच्छानुसार उपयोग कर सकता है। मानव भूगोल, पृथ्वी और मानव के पारस्परिक संबंधों का नया विचार देता है। इसमें पृथ्वी को नियंत्रित करने वाले भौतिक नियमों तथा पृथ्वी पर निवास करने वाले जीवों के पारस्परिक संबंधों की अधिक संयुक्त ज्ञान समाविष्ट होता है। इस विचारधारा के समर्थक लूसियन फेबने तथा ब्लॉश थे। प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् यह विचारधारा प्रसिद्ध हुई। मानव भूगोल में संभववाद उपागम की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है-
(i) समय के साथ लोग अपने पर्यावरण और प्राकृतिक बलों को समझने लगते हैं।
(ii) मनुष्य अपने सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के साथ बेहतर और अधिक सक्षम प्रौद्योगिकी के प्रयोग का विकास करता है।
(iii) पर्यावरण से प्राप्त संसाधनों के द्वारा मानव संभावनाओं को जन्म देता है।
(iv) मानवीय क्रियाओं की छाप सर्वत्र मिलती है, जैसे-उच्च भूमियों पर स्वास्थ्य, विश्राम-स्थल, विशाल नगरीय प्रकार, तटों पर पत्तन, महासागरीय तल पर समुद्री मार्ग, अन्तरिक्ष में उपग्रह आदि।

Q.7. मानव भूगोल के मुख्य अंगों का वर्णन कीजिए। Ans. मानव भूगोल के अध्ययन-क्षेत्र के पाँच मुख्य अंग हैं-
* किसी प्रदेश की जनसंख्या तथा उसकी क्षमता।
* उस प्रदेश के प्राकृतिक वातावरण द्वारा प्रदान किए गए संसाधन।
* उस जनसंख्या द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करने से बना सांस्कृतिक प्रतिरूप।
* प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण के पारस्परिक कार्यों के द्वारा मानव-वातावरण समायोजन का रूप, जिसे हम क्षेत्र संगठन का रूप भी कहते हैं।
* उपरोक्त वातावरण-समायोजन कालिक अनुक्रमण।

2. विश्व जनसंख्या-वितरण, घनत्व और वृद्धि

Q.8. जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारकों काउल्लेख कीजिए। (VVI)
Ans. जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारक इस प्रकार है- 1. जल की उपलब्धता लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ जल आसानी से उपलब्ध होता है।
2. भू-आकृति : लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं। 3. जलवायु : अति उष्ण अथवा ठंडे मरुस्थलों की जलवायु मानव-बसाव के लिए असुविधाजनक होती है।

Q.9. विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले अनेक क्षेत्र है। ऐसा क्यों होता है ?
Ans. कुछ क्षेत्र वास्तव में सघन बसे है। इसका आर्थिक कारण, जैसे-खनिज, नगरीकरण तथा औद्योगीकरण है। अच्छी नागरिक सुविधाएँ तथा नगरीय जीवन लोगों को आकर्षित करता है। इसलिए विश्व के अनेक ऐसे क्षेत्र है जहाँ, खनिज भंडारों की विद्यमानता, नगरीकरण सुविधाओं तथा औद्योगीकरण के कारण सघन बसे है।

Q.10. जन्म-दर तथा मृत्यु दर में अन्तर स्पष्ट कीजिए। [2015]
Ans. जन्म-दर तथा मृत्यु दर में निम्नलिखित अन्तर है

जन्म-दर (Birth Rate) मृत्यु-दर (Death Rate)
(1) प्रति एक हजार व्यक्तियों के पीछे जीवित शिशुओं की दर को जन्म-दर कहते हैं। (1) प्रति एक हजार व्यक्तियों के पीछे मृतक शिशुओं की दर को मृत्यु-दर कहते है।
(2) इसकी गणना प्रति हजार प्रति वर्ष से की जाती हैं (2) इसकी गणना प्रति हजार वर्ष की दर से की जाती है।
(3) जब जन्म-दर, मृत्यु से अधिक हो तो इसे घनात्मक वृद्धि दर कहते हैं। (3) जब मृत्यु-दर, जन्म-दर से अधिक हो तो इसे ऋणात्मक वृद्धि दर कहते हैं।

Q.11. जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन-से हैं? [2010, 2018]
Ans. जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं-जन्म, मृत्यु और प्रवास।
* अशोधित जन्म-दर (CBR) को प्रति हजार स्त्रियों द्वारा जन्म दिए जीवित बच्चों के रूप में व्यक्त किया जाता है।
* घटती हुई मृत्यु दर से भी जनसंख्या में परिवर्तन हो सकता है।
* प्रवास को मनुष्य और संसाधन के बीच बेहतर संतुलन प्राप्त करने की दिशा में एक स्वतः स्फूर्त प्रयास के रूप में निरूपित किया जा सकता है।

3. जनसंख्या संघटन

Q.12. जनसंख्या संयोजन से आप क्या समझते हैं [2011]
Ans. जनसंख्या संयोजन से तात्पर्य जनसंख्या की उन विशेषताओं से है, जो कि मापने योग्य है और जो जनसंख्या के एक वर्ग को दूसरे वर्ग से पृथक करने में मदद करते हैं। आयु, लिंग, साक्षरता, आवास का स्थान और व्यवसाय जनसंख्या संयोजन के मुख्य तत्व है।

Q.13. जनसंख्या की आयु-संरचना का क्या महत्व है? (VVI)
Ans. आयु-संरचना से तात्पर्य विभिन्न आयु वर्गों के अन्तर्गत स्थित जनसंख्या (लोगों की ) से है। किसी भी देश की जनसंख्या को विभिन्न आयु वर्गों में रखा जाता है
*यदि जनसंख्या में तरुण या बच्चों की संख्या अधिक है, तो आश्रित जनसंख्या का अनुपात. अधिक होगा।
* इसी प्रकार यदि वयस्क/प्रौढ़ की संख्या अधिक है, तो संभावना है कि कार्यरत जनसंख्या अधिक होगी।
*इसी प्रकार यदि वृद्ध की संख्या अधिक है, तो यह इस बात का द्योतक है कि वृद्ध की देख-रेख पर अधिक व्यय होगा।

Q.14. लिंग अनुपात पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।[2009]
Or, आयु लिंग पिरामिड (Age and sex Pyramid) पर टिप्पणी लिखें।
Ans. लिग अनुपात से तात्पर्य किसी जनसंख्या में सभी आयु वर्गो की कुल स्त्रियों व पुरुषों का अनुपात है। किसी जनसंख्या की लिग संरचना को सामान्यतः स्त्री-पुरुष अनुपात के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। इसकी परिकल्पना भिन्न-भिन्न देशों में भिन्न प्रकार से की जाती है। विश्व में प्रति एक हजार पुरुषों पर औसत लिग अनुपात 990 है। भारत में 1000 पुरुषों के पीछे पायी जाने वाली महिलाओं की संख्या को ही लिगानुपात (पुरुष-स्त्री अनुपात) कहा जाता है। यहाँ 2001 की जनगणना के अनुसार प्रति 1000 पुरुषों के पीछे 993 स्त्रियों का अनुपात है। यदि लिग अनुपात 1000 से अधिक है तो ऊंचा अनुपात एवं यदि 1000 से नीचा है तो निम्न अनुपात माना जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में लिंगानुपात प्रति 100 स्त्रियों पर पुरुषों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है, जबकि न्यूजीलैण्ड में प्रति 100 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है।किसी देश का लिंग अनुपात उस क्षेत्र की आर्थिक-सामाजिक स्थिति को जानने में बड़ा सहायक होता है। लिंग अनुपात का प्रभाव जनसंख्या की वृद्धि-दर, व्यावसायिक संरचना व वैवाहिक दर पर पड़ता है। लिंग अनुपात को प्रवास तथा बालक-बालिकाओं की मृत्यु-दरों में अन्तर प्रभावित करती है। किसी देश की आयु-लिंग संरचना को एक पिरामिड की सहायता से दिखाया जा सकता है। इसके अध्ययन से उस देश की आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों की जानकारी मिलती है।

Q.15. साक्षरता (Literacy) पर टिप्पणी लिखें।(VVI)
Ans. पढ़ने और लिखने की क्षमता या योग्यता को साक्षरता कहते हैं। जनांकिकीय भाषा में 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले जो लोग अपने दैनिक जीवन में एक छोटे तथा सरल कथन को समझ कर पढ़ तथा लिख सकता है, साक्षर कहलाते हैं। जो व्यक्ति केवल पढ़ सकता है लेकिन लिख नहीं सकता, साक्षर नहीं कहलाता। भारत में जनगणना विभाग के अनुसार 7 वर्ष या उससे अधिक के आयु-वर्ग के व्यक्तियों को ही साक्षर या निरक्षर माना जाता है।

Q.16. विश्व में आयु-लिंग में असंतुलन के लिए उत्तरदायी कारकों की विवेचना कीजिए।
Ans. लिगानुपात स्त्रियों तथा पुरुषों में अनुपात है। विकासशील देशों तथा विकसित देशों में लिंग संरचना में काफी अन्तर मिलते हैं-
* ये अन्तर लिग भेदभाव के कारण हैं।
* लिगानुपात प्रतिकूल है जहाँ स्त्री भ्रूण हत्या तथा स्त्री शिशु हत्या तथा स्त्रियों के प्रति घरेलू हिसा प्रचलित है।
* कई प्रदेशों में स्त्रियों का सामाजिक आर्थिक स्तर निम्न है।

4. मानव विकास

Q.17. जीवन निर्वाहक कृषि क्या है? [2017]
Ans. जीवन निर्वाहक कृषि घनी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में की जाती है। इस तरह की कृषि नदी, घाटियों में की जाती है। इस कृषि प्रणाली में फसलों का उत्पादन स्व उपभोग के लिये यानी परिवार के जीवन निर्वाह हेतु किया जाता है न कि बिक्री हेतु,

Q.18. मानव विकास शब्द से आपका क्या अभिप्राय है?(VVI)
Ans. विकास की अवधारणा गतिशील होती है। भिन्न-भिन्न लोगों के लिए इसका अर्थ भी भिन्न-भिन्न होता है। कुछ लोगों के लिए विकास का अर्थ केवल आय में वृद्धि है। परन्तु कुछ विशेषज्ञ नियोजन, आय, जीवन-स्तर, सुख आदि पर बल देते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ लोग व्यक्तियों के जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं पर अधिक बल देते है। अतः विकास की अवधारणा व्यक्तियो के दृष्टिकोण के अनुसार रहती है। परन्तु विकास की आवश्यकता पर सभी लोग एकमत हैं और सभी लोग इसे चाहते हैं। यद्यपि विकास उनकी अवधारणाएँ तथा विकास को प्राप्त करने की विधियों भिन्न-भिन्न है।

Q.19. मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र कौन से हैं? (VVI)
Ans. मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र है-स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधन तक पहुँच। इन तीनों क्षेत्रों में लोगों की क्षमताओं के विकास से लोगों के विकल्पों में वृद्धि होती है, जिससे मानव का विकास होता है। स्वास्थ्य का मूल्यांकन जन्म के समय जीवन-प्रत्याशा है। उच्चतर जीवन प्रत्याशा का अर्थ है कि लोगों के पास अधिक दीर्घ और अधिक स्वस्थ जीवन जीने के ज्यादा अवसर है। प्रौढ़ साक्षरता दर और सकल नामांकन अनुपात ज्ञान (शिक्षा) तक पहुँच को प्रदर्शित करते है। संसाधनों तक पहुँच क्रयशक्ति पर निर्भर करता है।

Q.20. मानव विकास के चार प्रमुख घटक क्या हैं?
Ans. मानव-विकास के चार प्रमुख तत्व निम्न है- (i) न्याय (Equity), (ii) सतत पोषणीयता (Sustainability), (iii) उत्पादकता (Productivity) (iv) सशक्ति चरण (Empowerment).

Q.21. वृद्धि और विकास (Growth and Development) का क्या तात्पर्य है? [2009]
Or, वृद्धि और विकास के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
Ans. वृद्धि और विकास दोनों का संबंध समय के अनुसार परिवर्तन से है। अन्तर केवल इतना ही है कि वृद्धि मात्रात्मक है और मूल्य सामान्य। इसके ऋणात्मक और धनात्मक संकेत मिलते हैं। विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन से है जो सदैव धनात्मक होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक वर्तमान मात्रा में वृद्धि नहीं होती। उदाहरण के लिए किसी नगर की जनसंख्या में वृद्धि एक लाख से दो लाख होती है अर्थात् नगर की वृद्धि जबकि अन्य सुविधायें वही है, तब यह वृद्धि विकास से संबंधित नहीं है।

Q.22. मानवतावाद क्या है?
Ans. मानवतावाद मानव भूगोल की एक अभिनव विचारधारा है जिसमें मानव कल्याण, मानव जाति, मानव चेतना, मानव संसाधन एवं मानव की सृजनात्मकता के संदर्भ में अध्ययन किया जाता है। इस विचारधारा का केन्द्रीय बिन्दु मानव है जो मानव विकास पर बल देता है। इस विचारधारा के विकास में मानव भूगोल में मानवीय परिघटनाओं के प्रारूपों के वर्णन के स्थान पर इनके पीछे कार्यरत प्रक्रियाओं के समझने पर बल दिया जाता है।

5. प्राथमिक कियाएँ

Q.23. कृषि घनत्व (Agricultural density) क्या है? [2017]
Ans. कृषि घनत्व, जनसंख्या का घनत्व निकालने का एक तरीका है। कुल कृषक जनसंख्या और कुल कृषि क्षेत्र के अनुपात को कृषीय घनत्व कहा जाता है।

Q.24. प्राथमिक क्रिया-कलापों की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।(VVI)
Ans. प्राथमिक क्रिया-कलापों में पृथ्वी तल से कच्चे पदार्थ को निकालने का या उतखनन का कार्य करते हैं। इसमें आखेट एवं संग्रहण, पशुचारण, मछली पकड़ना, वन से लकड़ी काटना, खनन तथा कृषि जैसे कार्य सम्मिलित है।

Q.25. आखेट एवं संग्रहण (Hunning and Food Gathering) को समझावें।
Ans. पृथ्वी पर मानव के उद्भव के साथ जो क्रियाकलाप मानव द्वारा अपनी भूख को शान्त करने के लिए किया गया वह था आखेट करना तथा संग्रहण करना। आज से 12000 वर्ष पहले पृथ्वी पर मानव आखेट तथा संग्राहक का जीवन व्यतीत कर रहे थे। ये लोग पृथ्वी के हर निवास क्षेत्र में फैले थे। वर्तमान समय में आखेट व संग्रहण जैसे आर्थिक क्रियाकलाप के क्षेत्र सीमित होकर केवल आर्कटिक वनों, विषुवतीय वनों, मरुस्थल आदि में रह गए है।

Q.26. हाम, मिल्पा और लदांग क्या है ? (VVI)
Ans. स्थानांतरित कृषि को भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में झूम कृषि, मध्य अमेरिका एवं मैक्सिको में मिल्पा तथा मलेशिया एवं इंडोनेशिया में लदांग कहा जाता है। इसे कर्तन एवं दहन कृषि भी कहा जाता है।

Q.27. संसार में चलवासी पशुचारण की किन्हीं छः विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
Ans. चलवासी पशुचारण की विशेषताएँ निम्नलिखित है-
* यह पशुओं पर आधारित जीवन निर्वाह की क्रिया है। लोग स्थायी रूप से एक स्थान पर रहकर जीवन-यापन नहीं करते। प्रत्येक चलवासी समुदाय स्पष्ट सीमा क्षेत्र में विचरण करता है। ये पशु पूर्णतः प्राकृतिक वनस्पति पर निर्भर होते हैं।
* कम वर्षा तथा छोटी घास वाले क्षेत्रों में भेड़ पाली जाती है। उबड़-खाबड़ जहाँ घास की मात्रा कम होती है वहाँ बकरियाँ पाली जाती हैं। अधिक वर्षा वाले घास भूमियों में जहाँ लम्बी मुलायम घास पायी जाती है, वहाँ गाय बैल पाले जाते हैं।
* चरवाहे अपने पशुओं के साथ ऋतु परिवर्तन के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान को प्रवास करते हैं।
* चलवासी पशुचारण के स्पष्ट सात क्षेत्र हैं।,

Q.28. भूमध्यसागरीय कृषि का वर्णन करें।
Ans. भूमध्यसागरीय कृषि अति विशिष्ट प्रकार की कृषि है। इसका विस्तार भूमध्यसागर के समीपवर्ती क्षेत्र जो दक्षिण यूरोप से उत्तरी अफ्रीका में ट्यूनीशिया से एटलांटिक तट तक क फैले हैं दक्षिण कैलिफोर्निया, मध्यवर्ती चिली, दक्षिणी अफ्रीका का दक्षिणी पश्चिमी भाग एवं आस्ट्रेलिया के दक्षिण व दक्षिण पश्चिम भाग में है। खट्टे फलों की आपूर्ति करने में यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है। अंगूर की कृषि भूमध्यसागरीय क्षेत्र की विशेषता है। इस क्षेत्र के कई देशों में अच्छे किस्म के अंगूरों से उच्चगुणवतता वाली मदिरा का उत्पादन किया जाता है। निम्न श्रेणी के अंगूरों को सुखाकर मुनक्का वाली किशमिश बनाई जाती है। अंजीर एवं जैतून भी यहाँ सब्जियों की तरह मांग होती है तब इसी से पूर्ति की जाती है।

Q.29. धात्विक और अधात्विक खनिज में अंतर स्पष्ट करें।
Ans. धात्विक और अधात्विक खनिज में निम्नलिखित अन्तर हैं-
(a) धात्विक खनिज ऐसे खनिज पदार्थ हैं जिनको गलाने से विभिन्न धातुओं की प्राप्ति होती है। जबकि अधात्विक खनिजों को गलाने से किसी धातु की प्राप्ति नहीं होती ।
(b) लोहा, ताँबा, बॉक्साइट धात्विक खनिज है। जबकि कोयला, नमक, संगमरमर पोटाश अधात्विक खनिज है।
(c) धात्विक खनिज प्रायः आग्नेय चट्टानों में पाए जाते हैं। जबकि अधात्विक खनिज प्रायः तलछटी चट्टानों में पाए जाते हैं।
(d) घात्विक खनिज को दोबारा पिघला कर भी प्रयोग किया जा सकता है। जबकि अधात्विक खनिज को पिघला कर प्रयोग नहीं किया जा सकता।

6. द्वितीयक क्रियाएँ

Q.30. द्वितीयक क्रियाकलाप क्या है और इन्हें द्वितीयकं क्यों कहते हैं? (VVI)
Ans. प्राथमिक क्रियाकलापों जैसे , वानिकी, मछली पकड़ना, खनन से प्राप्त प्राथमिक उत्पादो का प्रसंस्करण, नई वस्तुओं या उत्पादों की रचना और निर्माण की क्रिया ही द्वितीयक क्रियाकलाप कहलाती है। इन्हें द्वितीयक इसलिए कहते हैं, क्योकि यह निर्माण के लिए उत्पादों का ही प्रयोग करते हैं।

Q.31. हरित रासायनिकी (Green Chemistry) क्या है? (VVI)
Ans. 1990 से हरित रासायनिकी का प्रचलन प्रारम्भ हुआ है। इसमें उन प्रक्रियाओं तथा उत्पादों को विकसित किया जाता है जिनमे खतरनाक पदार्थों के उपयोग तथा उत्पादन को न्यूनतम रखा जाय। अतः इसमें केवल उन्ही पदार्थों का उपयोग किया जाय जो हानिकारक न हो। कच्चे माल का इस तरह उपयोग किया जाय जो हानिकारक न हों। कच्चे माल का इस तरह उपयोग किया जाय कि अवशिष्ट न बचे।

Q.32. उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग की संकल्पना पर टिप्पणी लिखिए। (VVI)
Or, प्रौद्योगिक ध्रुव से क्या अभिप्राय है?
Ans. निर्माण क्रियाओं में उच्च प्रौद्योगिकी नवीनतम पीढ़ी है। इसमें उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पादकों का निर्माण, गहन शोध एवं विकास के प्रयोग द्वारा किया जाता है। संपूर्ण श्रमिक शक्ति का अधिकतर भाग व्यावसायिक श्रमिकों का होता है। ये उच्च, दक्ष एवं विशिष्ट व्यावसायिक श्रमिक, वास्तविक उत्पादन, श्रमिकों से संख्या में अधिक होते हैं। उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में यंत्रमानव, कम्प्यूटर आधारित डिजाइन (कैड) तथा निर्माण, धातु पिघलाने एवं शोधन के इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण एवं नए रासायनिक औषधीय उत्पादन प्रमुख स्थान रखते हैं। सेन फ्रांसिकों के समीप सिलीकन घाटी एवं सियटल के समीप सिलीकेन वन प्रौद्योगिक ध्रुव के अच्छे उदाहरण है।

Q.33. स्वच्छंद उद्योग पर टिप्पणी लिखिए। (VVI)
Ans. स्वच्छंद उद्योग व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थित होते हैं। ये किसी विशिष्ट कच्चे माल जिनके भार में कमी हो रही है अथवा नहीं, पर निर्भर नहीं रहते हैं। यह उद्योग संघटक पुर्जी पर निर्भर रहते हैं, जो कहीं से भी प्राप्त किए जा सकते हैं। इसमें उत्पादन कम मात्रा में होता है एवं श्रमिकों की भी कम आवयकता होती है। सामान्यतः ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते। इनकी स्थापना में महत्वपूर्ण कारक सड़कों के जाल द्वारा अभिगम्यता होती है।

Q.34. लोहा तथा इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है?
Ans. लौह इस्पात उद्योग आधुनिक सभ्यता की आधारशिला है। लौह तथा इस्पात से बने विभिन्न उत्पादों का उपयोग मशीन तथा औजार बनाने के लिए किया जाता है जो अन्य उद्योगों में प्रयोग किए जाते हैं। देश में यातायात तथा परिवहन के साधन, रेलगाड़ियाँ, पानी के जहाज तथा मोटर गाड़ियाँ, लौह व इस्पात से बनाई जाती है। हर प्रकार के उद्योगों में लौह और इस्पात का प्रयोग होता है। किसी देश के उद्योग के विकास का मापदंड लौह तथा इस्पात उद्योग है। इसलिए इस उद्योग को आधारभूत उद्योग़ कहते हैं।

7. तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

Q.35. अंकीय विभाजन (Digital divide) क्या है?
Ans. सूचना और संचार तकनीक जो विकास पर आधारित है विश्व में असमान रूप से विभाजित है। राष्ट्रों में राजनैतिक, आर्थिक तथा सामाजिक विभिन्नायें हैं। ये अपने नागरिकों को सूचना, संचार तकनीक किस प्रकार प्रदान कर सकते हैं। विकसित देश इस कार्य में आगे हैं जबकि विकासशील देश अभी पीछे है। इसे डिजिटल विभाजक (Digital divide) कहा जाता है।

Q.36. सेवाओं के प्रमुख घटक क्या है? [2014]
Or, सेवाओं के वर्गीकरण का उल्लेख करें।
Ans. सेवाओं के प्रमुख घटक निम्नलिखित है-
1. वाणिज्यिक सेवाओं विज्ञापन, कानूनी सेवाओं, जनसम्पर्क और परामर्श।
2. अचल सम्पत्ति के क्रय-विक्रय संबंधी सेवाएँ जो वित्त बीमा, व वाणिज्यक और आवासीय भूमि व भवनों से संबंधित है।
3. उत्पादक एवं उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार तथा रख-रखाव व मरम्मत कार्य जैसी सेवाएँ।
4. परिवहन और संचार रेल, सड़क, जलयान व वायुयान सेवाएँ तथा डाक-तार सेवाएँ।
5. मनोरंजन : दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
6. प्रशासन : स्थानीय, राज्य तथा राष्ट्रीय प्रशासन, अधिकारी वर्ग, पुलिस सेवा तथा अन्य जन सेवाएँ।
7. गैर-सरकारी संगठन शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभरहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े व्यक्तिगत या सामूहिक परोपकारी संगठन।

Q.37. प्रौद्योगिकी पार्क (Technology Park) क्या है? [2014]
Or, ज्ञान आधारित उद्योगों की महत्ता के तीन बिन्दुओं का विवरण दीजिए।
Ans. सूचना प्रौद्योगिकी के विकास ने ज्ञान आधारित उद्योगों को विशेष प्रभावित किया है- * इसने देश के आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन के द्वार खोल दिए है। * यह क्षेत्र विशेषकर अनुसंधान और विकास से जुड़ा है। आर्थिक रूप से विकसित देशों में बहुसंख्यक लोग इस उद्योग में लगे हैं। ये उद्योग सर्वोच्च आय के प्रतीक हैं। कई विज्ञान और साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्कों का उदय हुआ है। जिनमें साफ्टवेयर विशेषज्ञों की माँग रहती है। साफ्टवेयर के निर्यात के साथ-साथ साफ्टवेयर विशेषज्ञों की सेवाओं का भी निर्यात होने लगा है। लोगों के कार्य करने की शैली और जीवन शैली भी बदल गई है। वे आज एक स्थान पर बैठकर दुनिया भर की जानकारी एकत्रित कर मूल्यांकन करने में समर्थ हैं।

Q.38. उपग्रह संचार और कम्प्यूटर के तीन-तीन उपयोग बताइए। [2010]
Ans. उपग्रह संचार का उपयोग दूरसंचार, मौसम की जानकारी, दूरस्थ संवेदनशीलता रेडियो, टेलीविजन, फैक्स और इंटरनेट के विकास ने संसार को सभी के लिए सुगम बना दिया है।
* समसामयिक सामाजिक और आर्थिक विकास पूरी तरह संचार तंत्र पर निर्भर है
* टेलीफोन व्यवस्था के निरंतर उन्नत बनते रहने से संचार तंत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। आज कहीं भी किसी से सीधे बात कर सकते हैं।
* सूचनाओं के अंकीकरण से दूरसंचार कम्प्यूटर का अंग बन गया है। संसार में इंटरनेट 100 से अधिक देशों में 10 करोड़ से भी अधिक लोगों को जोड़े हुए हैं।

कम्प्यूटर का उपयोग :
1. शिक्षा के क्षेत्र और ज्ञान के स्थानांतरण करने में विशेष भूमिका है।
2. व्यक्तिगत जीवन में इसकी विशेष उपयोगिता है। संदेश भेजने, प्राप्त करने तथा सूचनाएँ व जानकारी इकट्ठा करने में सहायक है।
3. कम्प्यूटर निर्देशों के अनुसार आँकड़ों को संग्रहित करने और संसाधित करने में सहायक है। आँकड़ों को बिना त्रुटि के अविलम्ब इकट्ठा किया जा सकता है।

Q.39. फुटकर व्यापार सेवा को स्पष्ट करें। [2015]
Ans. ग्रामीण क्षेत्रों में बस्तियों के पास ग्रामीण बाजार केन्द्र होते हैं। ये अर्द्ध-नगरीय केन्द्र होते हैं। ये व्यापारिक केन्द्र प्रारम्भिक रूप में कार्य करते हैं। यहाँ पेशेवर सेवायें विकसित नहीं होती। ये स्थानीय संग्रहण और वितरण का कार्य करते हैं। ये खुदरा व्यापार का कार्य करते हैं तथा मंडी के रूप में भी व्यापार करते हैं। यहाँ की वस्तुओं की माँग ग्रामीण लोगों के लिए होती है।

Q.40. संचार, परिवहन और व्यापार में क्या अन्तर है? (VVI)
Ans. संचार के साधन एक स्थान से दूसरे स्थान को सूचनाएँ भेजते हैं और प्राप्त करते हैं। डाक सेवायें, टेलीफोन, फैक्स, इंटरनेट, उपग्रहों, समाचार-पत्रों, टेलीग्राम आदि द्वारा सूचनाएँ भेजी और प्राप्त की जाती है। ये संचार के साधन हैं। परिवहन से अभिप्राय मनुष्यों और उनके लिए आवश्यक और उपयोगी वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने और ले जाने की प्रक्रिया है। परिवहन स्थल, जल और वायु द्वारा विभिन्न प्रकार के वाहनों द्वारा किया जाता है। कभी-कभी परिवहन के रूप में पशुओं और स्वयं मानव का उपयोग होता है। व्यापार : बाजार के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान है। वस्तुओं के मूल्य में अंतर अथवा माँग और आपूर्ति व्यापार के लिए उत्तरदायी है। इस प्रकार व्यापार से अभिप्राय दो स्थानों के बीच वस्तुओं और सेवाओ का प्रवाह है।

Q.41. तृतीयक व्यवसायों पर संक्षिप्त टिपणी लिखिए। [2011]
Ans. तृतीयक व्यवसाय में समुदायों को दी जाने वाली व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक सेवाएँ सम्मिलित है। इस व्यवसाय को सेवा श्रेणी भी कहा जाता है। यातायात, संचार, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा प्रशासनिक सेवा तृतीयक व्यवसाय के महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस व्यवसाय में लगे हुए लोग प्रत्यक्ष रूप से किसी वस्तु का उत्पादन नहीं करते, बल्कि अपनी कार्यकुशलता तथा तकनीकी क्षमता से समाज की सेवा करते है।

Q.42. चतुर्थक व्यवसायों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (VVI)
Ans. जीन गाँटमैन (Jean Gottmann) ने केवल प्रत्यक्ष सेवाओं को ही तृतीयक उत्पादन में सम्मिलित किया है। उनके अनुसार अप्रत्यक्ष सेवाएँ, चतुर्थक व्यवसाय है। इस दृष्टि से अनुसंधान, शिक्षण, नेतागिरी, प्रबंध आदि चतुर्थक व्यवसाय है। इस वर्ग में वैज्ञानिक, डॉक्टरों, वकील, शिक्षक, नेता, प्रबंधक, पुलिसकर्मी, लेखक, कलाकार संगीतकार तथा अनेक अन्य व्यक्तियों का व्यवसाय है।

8. परिवहन एवं संचार

Q. 43. पनामा नहर पर एक टिप्पणी लिखें।[2009, 2010]
Ans. यह नहर पनामा में स्थल-डमरु मध्य को काट कर बनायी गई है जो प्रशान्त महासागर तट पर पनामा को और अटलांटिक महासागर के तट को कोलन से जोड़ती है। इसका निर्माण 1904 से प्रारम्भ हुआ तथा 1915 को बनकर तैयार हुई। यह नहर 80 किमी. लम्बी, 12 मी. गहरी और लगभग 90 मीटर चौड़ी है। वर्तमान में नहर के विस्तार का कार्य सितम्बर 2007 से प्रारम्भ हो गया है. जो 2014 तक पूर्ण हो जाने की संभावना है। इस नहर से सर्वाधिक लाभ संयुक्त राज्य अमरीका को हुआ है।

Q.44. उत्तरी अटलांटिक मार्ग की महत्ता का वर्णन करें।
Or, अटलांटिक महासागर के मार्ग का वर्णन करें [2013]
Ans. अटलांटिक महासागर मार्ग दो भागों में विभाजित है-
(i) उत्तरी अटलांटिक मार्ग उत्तरी अटलांटिक मार्ग उत्तर-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के उपजाऊ तथा पश्चिमी यूरोपीय औद्योगिक देशों को जोड़ता है। विश्व में सबसे अधिक व्यापारिक संबंध इन्हीं दोनों भागों के मध्य होता है। इस मार्ग पर पश्चिमी यूरोप के मुख्य बन्दरगाह ग्लासगो, मैनचेस्टर, लन्दन, हेम्बर्ग, लिस्वन, एमस्टरडम हैं, जो उत्तरी अमेरिका के पूर्वी पूर्वी कि किनारे के पत्तनों क्यूबेक, मॉण्ट्रियल, हैलीफैक्स, बोस्टन, न्यूयार्क, फिलाडेल्फिया आदि से जोड़ते हैं। यूरोपीय देशों से उत्तरी अमेरिका को मुख्य तथा धातु निर्मित वस्तुएँ, उच्च तकनीक का माल व अन्य निर्मित माल भेजा जाता ना है। नॉर्वे-स्वीडन से से लुग्दी, अस अखबारी कागज एवं ब्रिटेन से चीनी मिट्टी के बर्तन, वस्त्र, मशीनें, रसायन, फ्रांस से शराब, रेशमी वस्त्र, इटली से रेशम, फल, दुपहिया वाहन आदि निर्यात किए जाते हैं। कनाडा से लुग्दी, दुग्ध के पदार्थ, संयुक्त राज्य से कपास, गेहूँ, मॉस, लोहा एवं इस्पात आदि, कैरेबियन तटीय देशों से शक्कर, फल, पेट्रोलियम आदि का निर्यात यूरोप को किया जाता है।
(ii) दक्षिणी अटलांटिक मार्ग समुद्री रास्ता पश्चिमी यूरोपीय तथा पश्चिमी अफ्रीका के देशों को ब्राजील, अर्जेन्टीना, दक्षिण अमेरिका में उरुग्वे के भागों को जोड़ता है। दक्षिणी अटलांटिक में उत्तरी अटलांटिक के बाजार में कम यातायात है क्योकि औरों की तुलना में दक्षिणी अमेरिका कम आबादी वाला है तथा आर्थिक रूप से सीमित उन्नत है। केवल दक्षिणी पूर्वी ब्राजील अफ्रीका तथा दक्षिणी अफ्रीका में ही उच्च स्तर पर औद्योगिक विकास है। पूर्व-पश्चिमी रास्ते पर रियो डी जुनीरो तथा केपटाऊन के बीच भी यह बहुत कम है क्योंकि दोनों ही अफ्रीका तथा दक्षिणी अमेरिका के समान उत्पाद तथा संसाधन है। उत्पादन तथा आधी बनी सामग्री के लिए बदले में ब्राजील से कॉफी और अर्जेन्टीना से गेहूँ, मीट, ऊन तथा फ्लैक्स भेजा जाता है।

Q. 45. उत्तमाशा अन्तरीप जलमार्ग क्या है? (VVI)
Ans. यह जलमार्ग भारत को दक्षिणी अफ्रीका और पश्चिमी अफ्रीका से जोड़ता है। यह जलमार्ग मुम्बई, मोम्बास डरबन, केपटाउन, लाऔस, डाकर होता हुआ रेसाइक व पारा तक जाता है। इस प्रकार यह भारत, अफ्रीका और दक्षिणी अमरीका को जोड़ता है। इस मार्ग से अफ्रीका से नारियल का तेल, नारियल, हाथी दाँत, रबड़, इमारती लकड़ी, शतुर्मुर्ग के पंख, कहवा, मैंगनीज आदि का निर्यात होता है और सूती वस्त्र, सीमेण्ट, मशीनें, शक्कर आदि का आयात होता है। भारत इस मार्ग से अपने यहाँ रूई, शक्कर आदि मंगवाता है।

Q.46. रेल परिवहन अधिक लोकप्रिय क्यों है ?
Ans. रेल परिवहन अपेक्षाकृत सस्ता और सुविधाजनक साधन है। रेलमार्ग भारी मात्रा मे सामान को दूरी तक ले जाने के लिए सबसे सस्ता और सबसे तीवगति साधन है। ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और भारत में कम्प्यूटरीकृत रेल तथा स्थानीय रैल लोकप्रिय बन गई है। रेलगाड़ियों की गति बढ़ी है। सुखद यात्रा के लिए वातानुकूल, रात में सोने के लिए वर्थ, आरामदायक सीट तथा खान-पान की सुविधाएँ रेलों में उपलब्ध हैं। जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं के लिए प्रशीतित डिब्बों की सुविधाएँ बढ़ायी गयी है। अन्य वस्तुओं के लिए टैंकरों और कंटेनरों का उपयोग होता है।

Q.47. सड़क परिवहन अधिक उपयोगी क्यों माना जाता है? तीन कारणों की व्याख्या कीजिए। (VVI)
Ans. रेलमार्गों की तुलना में सड़को के निर्माण की लागत बहुत कम है।
* सड़कें अपेक्षाकृत अधिक उबड़-खाबड़ और ढलुओं भूमि पर बनाई जा सकती है।
* अपेक्षाकृत कम यात्रियों और कम माल को सड़कों द्वारा लाना ले जाना सस्ता पड़ता है।
* सड़क परिवहन में माल को चढ़ाने और उतारने में भी कम लागत आती है।
*सड़क ही एक परिवहन का ऐसा साधन है, जो द्वार-से-द्वार सेवा प्रदान करता है।
* सड़क परिवहन, अन्य परिवहन का पूरर्क है।
* ये सदैव और हर समय सेवा के लिए मार्ग प्रशस्त करती है।

Q.48. वोल्गा जलमार्ग का वर्णन करें।
Ans. रूस में अत्यधिक संख्या में विकसित जलमार्ग पाए जाते हैं जिनमें से वोल्गा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यह 11,200 किमी० तक नौकायान की सुविधा प्रदान करती है तथा कैस्पियन सागर में मिल जाती है। वोल्गा मास्कों नहर, इसको मास्को प्रदेश से तथा वोल्गा-डोन नहर काला सागर से जोड़ती है।

Q.49. ओरिएंट एक्सप्रेस का वर्णन करें। (VVI)
Ans. यह लाइन पेरिस से स्ट्रैसबर्ग, म्यूनिख, विएना, बुडापेस्ट और बेलग्रेड होती हुई इस्तांबुल तक जाती है। इस एक्सप्रेस लाइन द्वारा लंदन से इस्तांबूल तक लगने वाला समय 10 दिनों की तुलना में मात्र 96 घंटे रह गया है। इस रेलमार्ग द्वारा होने वाले प्रमुख निर्यात पनीर, सुअर का माँस, जई, शराब, फल और मशीनरी है। इस्तांबूल को बैंकाक, वाया ईरान, पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश और म्यांमार से जोड़ने वाली लाइन के भी निर्माण का प्रस्ताव है।

Q.50. स्वेज नहर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें [2011, 2017]
Ans. यह मानव द्वारा बनाया गया जल का रास्ता है, जो कि मिश्र में मेडीटेरियन सागर तथा लाल सागर को जोड़ने के लिए बनाया गया। यह बिना किसी बंधन के एक समुद्र स्तर की नहर है। 1869 में स्वेज की शुरुआत ने पश्चिमी यूरोप तथा दक्षिणी एशिया के देशों के बीच सीधे समुद्री रास्तों की दूरी करीब आधी कर दी और रास्ते के बीच में उत्तर की फांड बर्दरगाह तथा दक्षिण की स्वेज बंदरगाह आदि आपस में मिल गई।

Q.51. पाइपलाइन परिवहन की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।(VVI)
Ans. यह परिवर्तन का अवाध और सतत साधन है।
* इनका अधिक उपयोग तरल और गैस पदार्थों के परिवहन के लिए किया जाता है।
* ये किसी भी प्रकार के स्थल रूपों तथा जल के नीचे भी बिछाई जा सकती है।
* ये पाइप लाइनें तेल के कुंओं और तेलशोधक कारखानों को जोड़ती है।
* जहाँ तक खाना पकाने की गैस तथा पेय जल की बात है, पाइप लाइनों द्वारा पहुँचाना आसान है।
* यह प्रदूषणयुक्त परिवहन का साधन है।
* एक बार पाइप लाइन के निर्माण के बाद उसकी क्षमता को बढ़ाया नहीं जा सकता।
* इसका परिचालन और रख-रखाव कम खर्चीला है।

Q.52. मिसीसिपी जलमार्ग का वर्णन करें।
Ans. मिसीसिषी-उनोहियो जलमार्ग संयुक्त राज्य अमेरिका के आंतरिक भागो को दक्षिण में मैक्सिको की खाड़ी के साथ जोड़ता है। इस मार्ग द्वारा लंबे स्टीमर मिनियापोलिस तक जा सकते हैं।

9. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार

Q.53. पत्तन किस प्रकार व्यापार के लिए सहायक होते हैं? पत्तनों का वर्गीकरण उनकी अवस्थिति के आधार पर कीजिए।
Ans. पत्तन सहायक होते हैं क्योंकि इनके द्वारा विदेशों से व्यापार किया जाता है। यात्री तथा मालवाहक जहाज्ञ पत्तन पर आते हैं। इससे देश की आर्थिक स्थिति में उन्नति होती है। स्थिति के अनुरूप पत्तन दो प्रकार के होते हैं
1. आंतरिक पत्तन (Inland ports): ये पत्तन समुद्र दूर स्थल खंड के भीतर स्थित होते हैं। परन्तु नदी या नहर से जुड़े होते है जिससे विशेष प्रकार के पोत बंजरी की सहायता से इन तक पहुँचते हैं। उदाहरणार्थ मानचेस्टर, कोलकता आदि।
2. वाह्य पत्तन (Out ports): ये गहरे पानी के पत्तन है। ये वास्तविक पत्तनों से दूर गहरे समुद्रों में बनाये जाते हैं क्योंकि जलपोत या तो अपने बड़े आकार के कारण या अधिक मात्रा में अवसाद एकत्रित हो जाने के कारण वास्तविक पत्तन नहीं पहुँच पाते। वोस्टन ऐसा ही पत्तन है।

Q.54. ‘पत्तनों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का तोरण द्वार क्यों कहा जाता है?’
Ans. अंग्रेजी का शब्द (Port) पत्तन लैटिन भाषा के Porta से लिया गया है। जिसका अर्थ ‘द्वार’ है। इस प्रकार एक पत्तन समुद्र तथा स्थल को आपस में जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है जिसका मुख्य उद्देश्य विदेश व्यापार के लिए सुविधाएँ उपलब्ध कराना है। पत्तन वह तटीय स्थल है. जहाँ से जहाज यात्रा आरम्भ या समाप्त करते हैं। जहाँ जहाजों के ठहरने, सामान उतारने तथा लादने की भी व्यवस्था होती है। सामान के लिए गोदाम तथा यात्रियों के ठहरने के लिए विश्राम गृह भी होते है। यह देश के आन्तरिक भागों से रेलों तथा सड़कों द्वारा जुड़ा हुआ होता है। इस प्रकार एक पत्तन व्यापार के लिए स्थल से समुद्र तक तथा समुद्र से स्थल तक द्वार का काम करता है। अतः पत्तनों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के तोरण कहा जाता है।

Q.55. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के बदलते स्वरूप का वर्णन करें। (VVI)
Ans. प्रकृति और मानव जीवन में निरन्तर परिवर्तन होते रहते है। गुणवत्ता तथा मात्रा दोनो दृष्टियों से अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में समय के साथ आधारभूत परिवर्तन हुए है। इसे गति देने वाला मुख्य कारक प्रौद्योगिकी का तीव विकास है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के बदलते परिदृश्य को तीन अवस्थाओं में विभाजित करके अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
* प्रथम अवस्था में प्राथमिक उत्पादों जैसे कच्चा माल, खनिज व खाद्यान्नों का व्यापार में प्रभुत्व रहा है। द्वितीय अवस्था में औद्योगिक उत्पादों का महत्व बढ़ गया है और तृतीय अवस्था में सेवायें भूमंडलीय सामग्री बन गई है और इनका हिस्सा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में बढ़ने लगा है।

Q.56. व्यापार संतुलन से क्या तात्पर्य है? [2010]
Ans. व्यापार संतुलन एक देश के द्वारा अन्य देशों को आयात एवं इसी प्रकार निर्यात की गई वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा की गणना या प्रलेखन करता है। जब किसी देश में आयात की गई वस्तुओं की तुलना में निर्यात की गई वस्तुओं का मूल्य अधिक होता है तो इसे अनुकूल या धनात्मक व्यापार संतुलन कहते हैं। इसके विपरीत निर्यात की अपेक्षा आयात के अधिक होने पर व्यापार संतुलन प्रतिकूल या ऋणात्मक कहलाता है।

Q.57. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आयातक एवं निर्यातक दोनों के लिए लाभदायक होता है। कारण दीजिए।
Ans. यह सही है कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार अर्थात् दो देशों के मध्य व्यापार से दोनों ही देश लाभान्वित होते हैं। यह किसी भी राष्ट्र के आर्थिक विकास का मापदंड है। आयातक देश को वे वस्तुएँ उपभोग के लिए प्राप्त हो जाती है जो वहाँ उत्पन्न नहीं होती और निर्यातक देश की आवश्यकता से अधिक वस्तुओं को बाजार उपलब्ध हो जाता है। भारत में तम्बाकू, आलू तथा टमाटर की फसलें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की ही देन है। ये शीतोष्ण कटिबन्ध की फसलें हैं, जो बाहर से लायी गयी। भारतीय व्यापारियों ने ही यहाँ की सभ्यता को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों तथा अन्य क्षेत्रों तक पहुँचाया। इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से दोनों देशों को आर्थिक व सांस्कृतिक लाभ होता है।

Q.58. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालें।
Ans. आधुनिक युग में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के स्वरूप में बड़े परिवर्तन हुए हैं। औद्योगिक क्रांति के कारण कच्चे माल, खनिज तथा खाद्यान्नों का आयात-निर्यात बढ़ा है। उष्ण कटिबंधीय देशों से कच्चे माल निर्यात किये जाते हैं तथा समशीतोष्ण कटिबन्ध के देशों से मशीनरी व तैयार माल निर्यात किये जाते हैं। अब विकासशील देश भी औद्योगिक उन्नति के कारण तैयार माल निर्यात करने लगे हैं।

Q.59. सार्क का पुरा नाम क्या है? इसका मुख्यालय कहाँ है ? [2012]
Ans. सार्क (SAARC) का पूरा नाम है- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Coorporation)। इसका मुख्यालय काठमाण्डू (नेपाल) में है।

Q.60. बहुपक्षीय व्यापार (Multilateral Trade) क्या है ? [2016]
Ans. दो से अधिक देशों के मध्य आपसी सहमति और समझौते के आधार पर वस्तुओं एवं सेवाओं का व्यापार बहुपक्षीय व्यापार कहलाता है

10. मानव बस्ती (अधिवास) (Human Settlements)

Q.61. शहर, मेट्रो शहर तथा मेगा-शहर में अन्तर बताएँ। [2016]
Ans. शहर वे नगरीय अधिवास होते हैं, जहाँ भाँति-भाँति की दुकानें, व्यापारिक एवं प्रशासनिक कार्यालय, शिक्षण संस्थाएँ, आमोद-प्रमोद के साधन एवं चिकित्सा आदि की सुविधा होती है। इनकी जनसंख्या सामान्यतः 50,000 से अधिक होती है। जब इन शहरों की जनसंख्या दस लाख से अधिक होती है तो इन्हें मेट्रो शहर कहते हैं और जब इनकी जनसंख्या 50 लाख से अधिक होती है तो इनं: मेगा शहर कहा जाता है। टोक्यो, लन्दन, मुम्बई, कोलकाता, पेरिस, मास्को आदि मेगा शहर है।

Q.62. स्थान (साइट) एवं स्थिति (सिचुएसन) के मध्य अंतर बताएँ।
Ans. बस्तियों का अध्ययन उनके स्थल, उनकी स्थिति, आकार, मकानों, प्रारूपों, कार्यों, आन्तरिक संरचना, बाहरी-संलग्नता तथा राष्ट्रीय एवं भूमंडलीय अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के संदर्भ में किया जा सकता है। स्थल से तात्पर्य उस वास्तविक भूमि से है जिस पर बस्ती बनी हुई है। बस्ती कि स्थिति से तात्पर्य उसके आस-पास के गाँवों के संबंध में उसकी अवस्थिति बताना है। बस्तियो के स्थल एवं स्थिति तथा उनके भवनों के प्रकारों का अध्ययन भौतिक पर्यावरण तथा सांस्कृतिक विरासत के संदर्भ में किया जा सकता है।

Q.63. मानव अधिवास क्या है? बताइए।
Ans. मानव एक सामाजिक प्राणी है। अतः उसके अधिवास हमारे सांस्कृतिक वातावरण के अंग है जिनका निर्माण वह प्राकृतिक वातावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करके करता है। यही कारण है कि किसी क्षेत्र के मानवीय अधिवासों को देखकर हम वहाँ के मनुष्य की संस्कृति, उनके सामाजिक, आर्थिक एवं औद्योगिक विकास का अनुमान लगा सकते हैं। अतः अधिवासों का अध्ययन मानव भूगोल के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है। मानवीय अधिवासों के अन्तर्गत मनुष्य के आश्रय हेतु बने मकानों को तो लिया ही जाता है, इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के कल-कारखानों, कार्यालयों, शैक्षणिक एवं धार्मिक संस्थाओं आदि से संबंधित भवनों को भी अधिवास के अन्तर्गत रखा जाता है।

Q.64. अधिवासों की कोई तीन विशेषताएँ बताइये।
Ans. सामान्यतः अधिवासों की तीन विशेषताएँ होती हैं-
(i) इन अधिवासों में मानव एक सामाजिक प्राणी की भाँति जीवन व्यतीत करता है। वह आपस में विचारों और वस्तुओं का आदान-प्रदान करता है।
(ii) इन अधिवासों में गृह या मकान प्रारम्भिक इकाई होते हैं।
(iii) अधिवासों में सम्पर्क करने हेतु पगडण्डियाँ, गलियाँ अथवा सड़कें बनायी जाती हैं। अधिवासों की आवश्यकता अनेक कारणों से होती है-(अ) रात्रि में शयन करने के लिए। (ब) पशुओं, चोरों और डाकुओं से रक्षा करने के लिए (स) उत्पादनों का संग्रह करने के लिए। (द) सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए। (य) व्यवसाय को चलाने के लिये। (२) सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक गतिविधियाँ चलाने के लिए (ल) सभा भवन, विद्यालय तथा पूजास्थल के निर्माण के लिए।

Q.65. नगरों के आकार में वृद्धि होने के परिणाम क्या हैं?
Ans. प्रायः सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अनेक छोटे उपनगरों का विकास किसी बड़े औद्योगिक नगर के चारों ओर अथवा निकट में हो जाता है। इससे न केवल उपनगरों तथा बड़े नगरों में जनसंख्या का भार घना हो जाता है वरन् रहने के स्थानों की भी कमी हो जाती है। अधिक घनत्व के कारण सामान्य एवं आवश्यक सुविधाएँ (पीने के जल, ईधन, मकान, दूध, साग-संब्जी आदि) एवं पेयजल का अभाव होने लगता है जिससे इनके मूल्य ऊंचे हो जाते हैं और रहन-सहन का स्तर गिर जाता है। भीड़-भड़क्का, शोरगुल, चहल-पहल अधिक होने से सामान्य जन-जीवन की शांति नष्ट हो जाती है। गन्दी बस्तियों में अनेक सामाजिक बुराइयाँ बढ़ जाती हैं। कोलकाता की एक-तिहाई जनसंख्या गन्दी बस्तियों में रहती है। एशिया की सबसे बड़ी मलिन बस्ती धारावी (मुम्बई) है।

Q.66. आप बस्ती को कैसे परिभाषित करेंगे ?(VVI)
Ans. आवास मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। यह एक झोपड़ी, एक मकान, एक फ्लैट अथवा एक हवेली हो सकता है। बस्ती मनुष्यों के आवासों के संगठित निवास स्थान को कहते हैं। इनमें अस्थाई डेरे, स्थायी बस्ती जिसे गाँव कहते है तथा वृहत् नगरीय समूह को सम्मिलित किया जाता है। मानव बस्तियाँ कुछ घरों वाले एक छोटे गाँव से लेकर बहुत से भवनों वाले नगर या मेगालोपोलिस (मगानगर) हो सकते हैं।

Q.67. ग्रामीण बस्तियाँ क्या हैं? (VVI)
Ans. ग्रामीण बस्तियाँ मुख्यतः प्राथमिक कार्यों, जैसे-कृषि, खनन, वानिकी आदि से संबंधित होते हैं। कनाडा में 1000 से कम जनसंख्या वाले अधिवासों को ग्रामीण वर्ग में रखते हैं जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्रामीण बस्ती के निर्धारण की ऊपरी सीमा 2500 की जनसंख्या है। भारत में 5000 तक की जनसंख्या वाली बस्तियों को ग्रामीण बस्ती कहते हैं जबकि जापान में 30000 तक की जनसंख्या वाली बस्ती को ग्रामीण बस्ती कहा जाता है। कुछ देश में जनसंख्या आकार के स्थान पर, वर्षा के कार्यों या स्तर को, ग्रामीण से नगरीय में अंतर करने का आधार माना जाता है। दोनों में मौलिक अंतर यह है कि एक ओर गाँव में अधिकांश लोग कार्यों में संलग्न होते हैं तो दूसरी ओर नगरों में लोगों का मुख्य व्यवसाय गैर-कृषि कार्यों अर्थात् उद्योग, वाणिज्य एवं सेवाएँ आदि होते हैं।

Q.68. महानगर किसे कहते हैं? संक्षेप में बताइये।
Ans. महानगर उस नगर को कहते है, जिसकी जनसंख्या दस लाख या उससे अधिक हो। इगे दसलाखी नगर या मिलियन सिटी भी कहते हैं। विश्व में दसलाखी नगरी की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। सन् 1800 में लंदन इस श्रेणी में आया, 1850 में पेरिस, 1860 में न्यूयार्क तथा 1950 तक विश्व में 80 शहर मिलियन सिटी थे। प्रति तीन दशक में दस लाखी नगरों की वृद्धि तीन गुनी हुई है। 1975 में इनकी संख्या 162 थी जो बढ़कर 2005 में 438 हो गई।

Q.69. उपनगरीयकरण क्या है? (VVI)
Ans. उपनगरीकरण एक नवीन प्रवृत्ति है जिसमें मनुष्य शहर के घनी वसे क्षेत्रों से हटकर रहन-सहन की अच्छी गुणवत्ता की खोज में शहर के बाहर स्वच्छ एवं खुले क्षेत्रों में जा रहे हैं। बड़े शहरों के समीप ऐसे महत्वपूर्ण उपनगर विकसित हुए है, जहाँ से प्रतिदिन हजारों व्यक्ति अपने घरो से कार्यस्थल की ओर आते जाते है।

Q.70. वस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं?(VVI)
Ans. बस्तियों को सामान्यतः उनके आकार तथा प्रकार्यों के आधार पर ग्रामीण तथा नगरीय अथवा गाँवों तथा नगरों, दो प्रकारों में बाँटते हैं। किन्तु इन दोनों के बीच की सीमा पर विश्व में मतैक्य नहीं है। जापान में 30,000, संयुक्त राज्य अमेरिका में 2,500 कनाडा में 1,000 और भारत में 5,000 से कम जनसंख्या रखने वाली बस्ती ग्रामीण कहलाती है। ग्रामीण बस्तियों में प्राथमिक कार्य-कलाप की प्रधानता रहती है, किन्तु नगरीय बस्तियों में गैर-प्राथमिक कार्य-कलाप की। पुनः ग्रामीण और नगरीय बस्तियाँ भी कई प्रकार की होती है।
इनके वर्गीकरण के मुख्य आधार जनसंख्या, आकृति, स्थिति और प्रकार्य हैं-
(i) जनसंख्या के आधार पर गाँव, शहर, नगर, महानगर, मेगालोपोलिस (मेगानगर) (ii) आकृति के आधार पर सहंत बस्ती, प्रकीर्ण बस्ती रेखीय, आयताकार इत्यादि। (iii) कार्य के आधार पर प्राथमिक कार्य प्रधान वस्ती (गाँव), प्रशासनिक, औद्योगिक, व्यापारिक, शैक्षणिक, परिवहन, धार्मिक (नगर)
(iv) स्थिति के आधार पर मैदानी, पर्वतीय, पठारी, नदी तटीय, नदी के संगम, सड़क चौराहे इत्यादि पर स्थित बस्ती।

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