Bihar Board 12th Arts Subjective Question 2025: 12th Arts Subjective Question 2025 यही आएगा प्रश्न, @officialbseb.com
Bihar Board 12th Arts Subjective Question 2025
इस खण्ड के प्रश्न लघु उत्तरीय कोटे के हैं किन्हीं 15 प्रश्नों के उत्तर 50 शब्दों में दें। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है। 15×2-30
प्रश्न 1. एक आर्थिक समस्या क्यों उत्पन्न होती है ? “कैसे उत्पादन किया जाए” की समस्या को समझाइए |
उत्तर – आर्थिक समस्या असोभित आवश्यकताओं तथा सीमित साधनों, (जिनके वैकल्पिक प्रयोग भी हैं) के कारण उत्पन्न होती है। कैसे उत्पादन किया जाए ? (How to Produce ) – यह अर्थव्यवस्था की दूसरी मुख्य केन्द्रीय समस्या है। इस समस्या का संबंध उत्पादन की तकनीक का चुनाव करने से है-इसके लिए श्रम-प्रधान तकनीक (Labour- intensive technique) काम में ली जाए या पूँजी प्रधान तकनीक (Capital- intensive technique) प्रयोग में लाई जाए। एक अर्थव्यवस्था को यह चुनाव करना पड़ता है कि वह कौन-सी तकनीक का प्रयोग किस उद्योग में करे। सबसे कुशल तकनीक वह है जिसके प्रयोग से समान मात्रा का उत्पादन करने के लिए सीमित साधनों की सबसे कम आवश्यकता होती है। उत्पादन न्यूनतम लागत पर करना संभव होता है । उत्पादन कुशलतापूर्वक किया जा सकता है। एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों की उपलब्धता और उनके मूल्यों पर उत्पादन की तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए ।
प्रश्न 2. वस्तुओं के मूल्यों में परिवर्तन के बजट रेखा पर पड़ने वाले प्रभाव को चित्र द्वारा दर्शाएँ ।
उत्तर- वस्तुओं के मूल्यों में परिवर्तन का बजट रेखा पर प्रभाव (Impact of changes in price of goods on a budget Line) – एक वस्तु की कीमत तथा उपभोक्ता की आय स्थिर रहने पर दूसरी वस्तु के मूल्य में कमी आने से बजट रेखा दाई ओर को (ऊपर की ओर खिसक जाएगी और यदि यह मूल्य बढ़ जाए तो यह रेखा बाई ओर (नीचे की ओर) खिसक जाएगी। इस बात का स्पष्टीकरण नीचे दो चित्रों की सहायता से किया गया है-
प्रश्न 3. उपयोगिता से आप क्या समझते हैं ? इसकी विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर- उपयोगिता (Utility) – उपयोगिता पदार्थ का वह गुण है जिससे किसी आवश्यकता की संतुष्टि होती है। प्रो० एडवर्ड के शब्दों में ” अर्थशास्त्र में उपयोगिता का अर्थ उस संतुष्टि, आनन्द या लाभ से है जो किसी व्यक्ति को धन या सम्पत्ति के उपभोग से प्राप्त होती है।” उपयोगिता का सम्बन्ध प्रयोग मूल्य (value use) से होता है। जिन वस्तुओं में प्रयोग मूल्य होता है, उसमें उपयोगिता विद्यमान होती है ।
उपयोगिता आवश्यकता की तीव्रता का फलन हैउपयोगिता की विशेषताएँ (Characteristics of utility)
1. उपयोगिता भावगत (subjective) है। यह व्यक्ति के स्वभाव, आदत व रुचि पर निर्भर करती है ।
2. वस्तु की उपयोगिता समय तथा स्थान के साथ बदलती रहती है।
3. उपयोगिता का लाभदायकता से कोई निश्चित सम्बन्ध नहीं होता ।
4. उपयोगिता कारण है तथा संतुष्टि परिणाम है ।
5. उपयोगिता का किसी वस्तु की स्वादिष्टता से कोई सम्बन्ध नहीं होता।
प्रश्न 4. औसत उत्पाद तथा कुल उत्पाद में सम्बन्ध बतायें ।
उत्तर- औसत उत्पाद एवं कुल उत्पाद में सम्बन्ध (Relationship between AP and TP) :
1. जब कुल उत्पाद बढ़ती दर से बढ़ता है तो औसत उत्पाद भी बढ़ता है ।
2.जब कुल उत्पाद घटती दर से बढ़ता है तो औसत उत्पाद घटता है ।
3. कुल उत्पाद तथा औसत उत्पाद हमेशा धनात्मक रहते हैं ।
प्रश्न 5. सीमान्त लागत वक्र औसत परिवर्तनशील लागत तथा परिवर्तनशील लागत को उनके निम्नतम बिन्दु पर क्यों काटता है ? चित्र धनाएँ ।
उत्तर- हम जानते हैं कि जब सीमान्त लागत (MC) औसत परिवर्तनशील लागत (AVC) या औसत लागत (AC) से कम है, दोनों वक्र ऊपर नहीं उठ सकते । चित्र में AVC वक्र B बिन्दु तक गिरता है क्योंकि MC वक्र इसके नीचे है । काटने के बिन्दु पर AVC = MC परन्तु B बिन्दु के पश्चात् MC बढ़ता है तथा AVC से बड़ा हो जाता है और वह AVC लागत को ऊपर उठाता है । इस तरह B बिन्दु अपने आप निम्नतम बिन्दु बन जाता है। इसी प्रकार बिन्दु तक MC, AC से कम है, अतः AC कम होता जाता है । परन्तु इस बिन्दु के पश्चात् MC, AC से बड़ा हो जाता है और AC को ऊपर बढ़ाता है । इससे C बिन्दु AC वक्र का निम्नतम बिन्दु बन जाता है । इस तरह हमें पता चलता है कि MC वक्र AVC तथा AC वक्रों को उनके निम्नतम बिन्दुओं पर काटता है ।
प्रश्न 6. पूर्ण प्रतियोगिता में AR वक्र OX- अक्ष के समान्तर क्यों होता है ?
उत्तर-पूर्ण प्रतियोगिता में प्रत्येक फर्म के लिए कीमत दी हुई होती है । वह अपनी इच्छा से कीमत में परिवर्तन नहीं कर सकती । अतः उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर कीमत (अर्थात् AR) समान रहती है। अतः पूर्ण प्रतियोगिता के अंतर्गत फर्म का माँग वक्र (अथवा औसत आगम वक्र) OX- अक्ष के समांतर होता है ।
प्रश्न 7. हरित GNP किसे कहते हैं ?
उत्तर- हरित GNP हरित GNP की अवधारणा का विकास आर्थिक विकास के मापक के रूप में किया जा रहा है। GNP को मानवीय कुशलता को मापने के लायक इसी संदर्भ में हरित GNP आर्थिक संवृद्धि की कस्टी-प्राकृतिक संसाधनों के विवेकशील विदोहन और विकास के हित लाभों के समान वितरण पर जोर देती है। अर्थात् GNP का संबंध प्राकृतिक संसाध मों के विवेकपूर्ण उपयोग, संरक्षण एवं समाज के विभिन्न वर्गों में उनके न्यायोजित बंटवारे से है ।
प्रश्न 8. “माँग वक्र माँग के नियम का निरूपण है ।” स्पष्ट करें।
उत्तर- किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने पर मांग में जो परिवर्तन होता है, उसे मांग का निरूपण कहते हैं । माँग तालिका को जब रेखाचित्र के रूप में प्रदर्शित कर दिया जाता है, तब उसे माँग वक्र कहते हैं। यह माँग वक्र कीमत एवं मांगी गई मात्रा के बीच एक विपरीत सम्बन्ध बताता है। इसके विपरीत सम्बन्ध के कारण माँग वक्र बायें से दायें नीचे गिरता है जो यह प्रदर्शित करता है कि ऊँची कीमत पर माँगी गई मात्रा कम होगी एवं कम कीमत पर माँगी गई मात्रा अधिक होगी।
इस प्रकार व्यक्तिगत माँग वक्रों के विभिन्न बिन्दुओं को जोड़ने से बाजार माँग वक्र बनता है । चूँकि बाजार माँग वक्र व्यक्तिगत माँग वक्रों का क्षैतिज जोड़ है। इसका ढलान भी ऋणात्मक है जो वस्तु की कीमत और माँगी गई मात्रा में विपरीत सम्बन्ध दर्शाता है । इस प्रकार मांग वक्र मांग के नियम का निरूपण है
प्रश्न 9. आर्थिक क्रिया क्या है ?
उत्तर- आर्थिक क्रिया का महत्त्व सीधे आर्थिक विकास, उत्पादन एवं लोगों की खुशहाली में वृद्धि से है। आर्थिक संरचना के अन्तर्गत (बैंकिंग क्षेत्र, बीमा क्षेत्र, अन्य सरकारी वित्तीय क्षेत्र), ऊर्जा (कोयला, विद्युत, तेल पेट्रोलियम ऊर्जा एवं अन्य), यातायात (रेलवे, सड़क, वायुयान, जलयान आदि) संचार (डाक, तार, टेलीफोन, मीडिया, रेलीसंचार) आदि प्रमुख हैं
प्रश्न 10. एक वस्तु की कीमत में 5% कमी होने से उसकी मांग 12% बढ़ जाती है। माँग की कीमत लोच ज्ञात करें और बताइये कि लोचदार है या बेलोचदार और क्यों ।
उत्तर-वस्तु की कीमत में 5% वृद्धि से माँग 12% बढ़ जाती हैं । अतः माँग की कीमत लोच का सात प्रतिशत बढ़ गयी माँग लोचदार है।
प्रश्न 11. आर्थिक समस्या को चयन की समस्या क्यों माना जाता है ?
उत्तर- कोई भी व्यक्ति परिवार या देश अपने सीमित साधन से अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकता । अतः उनके सामने यह समस्या बनी रहती है कि वह अपने कौन से साधन को कितनी मात्रा में कौन सी आवश्यकताओं की पूर्ति में लगाये अर्थात उनके सामने चपन को समस्य उत्पन्न हो जाती है और चयन को समस्या ही आर्थिक समस्या कहलाती है।
प्रश्न 12. उत्पादन कर में वृद्धि से पूर्ति वक्र में खिसकाय किस प्रकार होता है और क्यों?
उत्तर- भारत में विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादक जिन वस्तुओं का उत्पादन करते हैं उन पर उत्पादन कर लगाया जाता है। यह फर्म के कुल उत्पादन पर लगाया जाता है। इससे कुल परिवर्तित लागत में वृद्धि हो जाती है। कर में वृद्धि के फलस्वरूप सोमान्त लागत में वृद्धि हो जाती है। मान लीजिए किसी वस्तु पर उत्पादन कर में वृद्धि हो जाती है। इससे सीमान्त लागत में वृद्धि हो जाएगी और सीमान्त लागत वक्र बाई ओर खिसक जाएगा। यदि उत्पादन कर में कमी आ जाती है तो सीमान्त लागत वक्र दाईं ओर खिसक जाएगा।
प्रश्न 13. मार्शल एवं रॉबिन्स के अर्धशास्त्र की परिभाषा का उल्लेख करें।
उत्तर- मार्शल ने अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री में धन के स्थान पर मानव-कल्याण के विचार की स्थापना की है। कल्याणवादी विचारधारा के अनुसार अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री में उनं आर्थिक क्रियाओं को सम्मिलित किया जाना चाहिए जिनका सम्बन्ध भौतिक कल्याण से होता है
रॉबिन्स ने अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री में सीमित साधन एवं असीमित साध्यों से सम्बन्धित चुनाव समस्याओं को सम्मिलित किया है। रॉबिन्स की परिभाषा में अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री में मानव व्यवहार की उन क्रियाओं का सम्मिलित किया जाता है जिनमें मानव अपने सीमित साधनों तथा अपनी-असीमित आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करता है ।
प्रश्न 14. साख सृजन की परिभाषा दें
उत्तर- बैंकों के विषय में यह बात देखी जाती है कि जितना रुपया उनके पास जमा होता है उसमें कई गुना अधिक वे उधार देते हैं। इसी कारण बैंकों को साख निर्माण का कारखाना कहा जाता है । साख निर्माण का तात्पर्य व्यापारिक बैंकों की उस शक्ति से है जिसके द्वारा वे प्राथमिक जमाओं के आधार पर गौण जमाओं का विस्तार करती है । इस प्रकार व्यापारिक बैंकों द्वारा अपने नकद कोषों के आधार पर मांग जमाओं का निर्माण करना ही साख निर्माण कहलाता है। प्रायः नकद कोषों से कई गुना अधिक जमाओं का निर्माण कर दिया जाता है। नकद कोषों तथा जमाओं के बीच अनुपात नकद कोष अनुपात कहलाता है। बैंकों को अनुभव के आधार पर यह जानकारी होती है कि कुल जमा का सिर्फ 10% ही नकदी के रूप में निकाला जाता है। जैसे यदि 100 रु० के नकद कोष के बदले में 1000 रु० की मांग जमाओं का निर्माण किया जाता है तो इसे 10 गुना अधि क. साख निर्माण कहा जाता है ।
प्रश्न 15. उत्पादन इकाइयों के प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्रों में वर्गीकरण के आधार पर संक्षेप में व्याख्या करें।
उत्तर प्राथमिक क्षेत्र (Primary Sector ) — यह वह क्षेत्र है जो प्राकृतिक साधनों, जैसे-भूमि, जल, वन, खनन आदि साधनों का शोषण करके उत्पादन पैदा करता है, इसमें सभी कृषि तथा सम्बन्धित क्रियाएँ, जैसे-मछली पालन, वन तथा खनन का उत्पादन शामिल होता है । गौण अथवा द्वितीयक क्षेत्र (Secondary Sector) – इस क्षेत्र को निर्माण क्षेत्र भी कहते हैं। यह एक प्रकार की वस्तु को मनुष्य, मशीन तथा पदार्थों द्वारा दूसरी वस्तु में बदलता है। उदाहरण के तौर पर कपास से कपड़ा अथवा गन्ने से चीनी आदि । तृतीयक क्षेत्र (Tertiary Sector) – इस क्षेत्र को सेवा क्षेत्र भी कहते हैं। जो प्राथमिक तथा गौण क्षेत्र को सेवाएँ प्रदान करता है। इसमें बैंक, बीमा, यातायात, संचार, व्यापार तथा वाणिज्य आदि शामिल होते हैं ।