Bihar Board 10th Sanskrit Chapter- 2 Subjective Question 2025: वायरल प्रश्न उत्तर यहां से देखें, @Officialbseb.com
Bihar Board 10th Sanskrit Chapter- 2 Subjective Question 2025:
2. अलसकथा
1. मंत्री वीरेश्वर के चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन करें । [20234]
अथवा, मंत्री वीरेश्वर की विशेषताओं का वर्णन करें। [20224]
उत्तर-मिथिला में वीरेश्वर नामक मंत्री था। वह स्वभाव से दानशील और दयावान था। वह अनाथों और निर्धनों को प्रतिदिन भोजन देता था। इससे आलसी भी लाभान्वित होते थे।
2. आलसशाला के कर्मचारियों ने आलसियों की परीक्षा क्यों और कैसे ली ? [2023A, 2020A]
अथवा, अलसशाला में आग क्यों लगाई गई ?[20214]
उत्तर- अलसशाला में आलसियों की सुख-सुविधाओं को देखकर कम आलसी एवं कृत्रिम आलसियों की भीड़ जुटी थी जिससे अलसशाला का खर्च बेवजह बढ़ गया था। अतः, अलसशाला के व्यर्थ खर्च को रोकने तथा सही आलसियों की पहचान के लिए अलसशाला में आग लगा दी गई, जिससे नकली आलसी भाग खड़े हुए।
3. ‘अलसकथा’ का क्या संदेश है ? अथवा, ‘अलसकथा’ पाठ की विशेषताओं का वर्णन अपने शब्दों में करें ।[20224]
अथवा, ‘अलसकथा’ पाठ में किस पर चर्चा की गयी है ? [20224]
उत्तर-अलसकथा का संदेश है कि आलस्य एक महान् रोग है। जीवन में विकास के लिए व्यक्ति का कर्मठ होना अत्यावश्यक है। आलस्य शरीर में रहनेवाला महान् शत्रु है जिससे अपना, परिवार का और समाज का विनाश अवश्य ही होता है।
4. विद्वान् मृत्यु को कैसे पराजित करते हैं [20224]
उत्तर-अंधकार के पश्चात् प्रकाशस्वरूप आदित्य वर्ण हूँ। यही समझकर ज्ञानी लोग संसार सागर को पार कर मृत्यु को पराजित करते हैं।
5. चारों आलसियों के वार्तालाप को अपने शब्दों में लिखें। [20214, 20184]
उत्तर-चारों आलसी निश्चय ही अपने आलसपन को सिद्ध कर रहे थे। एक ने मुँह बँककर कहा-अरे हल्ला कैसा? दूसरे ने कहा-लगता है इस घर में आग लग गई है। तीसरे ने कहा-कोई पानी से भींगे वस्त्रों से बैंक दे। चौथे ने कहा-अरे वाचाल । कितनी बात करते हो? चुपचाप क्यों नहीं रहते हो।
6. ‘अलसकथा’ पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?[20204, B. М. 2018, 2015A, M. Q. Set-I&II: 2015]
अथवा, ‘अलसकथा’ पाठ के लेखक कौन हैं तथा उस कथा से क्या शिक्षा मिलती है ? [2016A]
उत्तर-मैथिली कवि विद्यापति रचित ‘अलसकथा’ में आलसियों के माध्यम से शिक्षा दी गयी है कि उनका भरण-पोषण करुणाशीलों के बिना संभव नहीं है। आलसी काम नहीं करते, ऐसी स्थिति में कोई दयावान ही उनकी व्यवस्था कर सकता है। अतएव आत्मनिर्भर न होकर दूसरे पर वे निर्भर हो जाते हैं।
7. ‘अलसकथा’ पाठ के आधार पर बताइए कि आलसी पुरुषों को आग से किसने और क्यों निकाला ? [20204, 2014A]
अथवा, चारों आलसी पुरुष आग से किस प्रकार बचना चाहते थे ?
उत्तर-चारों आलसी पुरुष आग लगने पर भी घर से नहीं भागे। शोरगुल सुनकर वे जान गए थे कि घर में आग लगी हुई है। वे चाहते थे कि कोई धार्मिक एवं दयालु व्यक्ति आकर आग पर जल, वस्त्र या कंबल डाल दे, जिससे आग बुझ जाए और वे लोग बच जाएँ। चूँकि आलसी व्यक्ति आग से बचने के लिए भी नहीं भाग सके इसलिए नियोगी पुरुष ने उनकी प्राण रक्षा के लिए उन्हें घर से बाहर किया।
8. धन और दया किसे देना उचित है ? [2020A]
उत्तर-निर्धनों को धन और रोगियों को दवा देना उचित है।
9. ‘अलसकथा’ पाठ में वास्तविक आलसियों की पहचान कैसे हुई ? [2019A]
उत्तर-अलसकथा के अनुसार वास्तविक आलसियों की पहचान के लिए अलसशाला में आग लगा दी गई। आग लगने पर चार वास्तविक आलसियों को छोड़कर शेष सभी भाग गये ।
10. ‘अलसकथा’ पाठ में किसका वर्णन है [2019A]
उत्तर-विद्यापति विरचित पुरुष परीक्षा नामक ग्रंथ से उद्धृत ‘अलसकथा’ में आलस्य के निवारण की प्रेरणा और संसार के विचित्र गतिविधि का विवरण है। आलसियों को केवल करुणा का पात्र मानते हुए दान करने की इच्छा से मिथिला के मंत्री वीरेश्वर अलसशाला का निर्माण करवाते हैं। उनकी जिज्ञासा थी कि आलसी लोग कैसे जीवन जीने की कला का निर्वहन करते हैं। इस क्रम में इष्ट लाभ के लिए धूर्त और परिश्रमी भी आलसी बनकर पहुँच जाते हैं। आलसियों की बढ़ती संख्या को देखकर उसकी परीक्षा के लिए अलसगृह में आग लगा दी जाती है, जिसमें चार वास्तविक आलसियों को छोड़कर सभी भाग जाते हैं। इन आलसियों को बचा लिया जाता है। इस प्रकार अलसकथा में आलसियों के जीवन और व्यवहार का वर्णन है।
11 . अलसशाला में आग लगने पर क्या हुआ ?[2018A]
उत्तर-अलसशाला में आग लगने पर सभी धूर्त्त आलसी भाग गये। चार आलसी सोये हुए बातें कर रहे थे। फैली आग को देखकर नियोगी पुरुषों ने चारों आलसियों के बाल पकड़कर खींचते हुए बाहर निकाले।
12. विद्यापति कौन थे ? उन्होंने किस ग्रंथ की रचना की तथा ‘अलसकथा’ में किसकी कहानी है ? छह वाक्यों में लिखें। [2017A]
उत्तर-विद्यापति एक महान् कवि एवं लेखक थे। इन्होंने पुरुष परीक्षा नामक ग्रंथ की रचना की। संस्कृत भाषा में लिखित पुरुष परीक्षा में कथारूप में अनेक मानवीय गुणों के महत्व का वर्णन है। दोष के निराकरण के लिए शिक्षा दी गयी है। विद्यापति एक लोकप्रिय मैथिलकवि थे। ये संस्कृत ग्रंथों के रचयिता भी थे। उनकी ख्याति संस्कृत विषयों में अत्यधिक थी।
13. विजयनगर राज्य में संस्कृत भाषा की क्या स्थिति थी ? तीन वाक्यों में उत्तर दें।
उत्तर-विजयनगर में सम्राट् संस्कृत भाषा के संरक्षण के लिए किये गये प्रयास सर्वविदित है। उनके अंतःपुर में भी संस्कृत रचना में निष्णात रानियाँ थीं। महारानी विजयभट्टारिका ने ‘विजयाङ्का’ की रचना की।
14. ‘संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः पाठ में लेखक ने क्या विचार व्यक्त किए हैं ?
उत्तर- ‘संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः’ पाठ में लेखक का विचार है कि प्राचीन काल से लेकर आज तक महिलाओं ने संस्कृत साहित्य में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। दक्षिण भारत की महान साहित्यकार महिलाओं ने भी संस्कृत साहित्य को समृद्ध बनाया ।
5. शास्त्र-लेखन एवं रचना-संरक्षण में वैदिककालीन महिलाओं के योगदानों की चर्चा करें।
उत्तर-वैदिककाल में शास्त्र-लेखन एवं रचना-संरक्षण में पुरुषों की तरह महिलाओं ने भी काफी योगदान दिया है। ऋग्वेद में चौबीस और अथर्ववेद में पाँच महिलाओं का योगदान है। यमी, अपाला, उर्वशी, इन्द्राणी और वागाम्भृणी वैदिककालीन ऋषिकाएँ भी मंत्रों की दर्शिकाएँ थीं ।
16. ‘संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः’ पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है ?
उत्तर-इस पाठ के द्वारा संस्कृत साहित्य के विकास में महिलाओं के योगदान के बारे में ज्ञात होता है। वैदिक युग से आधुनिक समय तक ऋषिकाएँ, कवयित्री, लेखिकाएँ संस्कृतसाहित्य के संवर्धन में अतुलनीय सहभागिता प्रदान करती रही हैं। संस्कृत लेखिकाओं की सुदीर्घ परम्परा है। संस्कृत भाषा के उन्नयन एवं पल्लवन में पुरुषों के समतुल्य महिलाएँ भी चलती रही हैं।