Bihar Board 10th Chemistry Chapter 3 Subjective Question 2025: धातु एवं अधातु Subjective Question 2025, इसके बाहर कुछ नहीं आएगा @Officialbseb.com

Bihar Board 10th Chemistry Chapter 3 Subjective Question 2025

Bihar Board 10th Chemistry Chapter 3 Subjective Question 2025: धातु एवं अधातु Subjective Question 2025, इसके बाहर कुछ नहीं आएगा @Officialbseb.com

Bihar Board 10th Chemistry Chapter 3 Subjective Question 2025:

धातु एवं अधातु

प्रश्न 1. सोने से मिश्रधातु कैसे तैयार की जाती है ? [2023A]
उत्तर-सोने से मिश्रधातु में अन्य धातुओं के संयोजन की आवश्यकता होती है, ताँबे से इसका लाल रंग प्राप्त होता है। चाँदी और कभी-कभी जस्ता का उपयोग अतिरिक्त मजबूती प्रदान करने और रंग को पतला करने के लिए भी किया जाता है।

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प्रश्न 2. लोहे को जंग लगने से किस प्रकार बचाया जाता है ? [20224]
अथवा, लोहे को जंग से बचाने के दो उपाय बताइए ।[2019A]
अथवा, आयरन के जंगीकरण को रोकने के लिए दो विधियों का उल्लेख करें। [M. Q. Set-II: 2015]
उत्तर- (a) यशदलेपन इस प्रक्रिया में लोहे की वस्तुओं के ऊपर जिंक की एक परत चढ़ाई जाती है।
(b) पेंटिंग इस प्रक्रिया में लोहे की वस्तुओं पर पेंट किया जाता है।

प्रश्न 3. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का प्रयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे का मिश्रधातु) का नहीं, इसका कारण बताएँ । [2021A, 2014A]
उत्तर -कॉपर, स्टील की अपेक्षा अधिक सुगम ताप का सुचालक है और यह स्टील की अपेक्षा अधिक सस्ता भी होता है। इसलिए ऊर्जा बचाने के लिए गर्म पानी के टैंक को कॉपर से बनाया जाता है।

प्रश्न 4. तन्यता किसे कहते हैं ? [20214]
उत्तर-धातुओं को खींच कर उनसे पतले तार बनाये जा सकते हैं। यह गुण तन्यता कहलाती है। दो अधिक तन्य धातुएँ सोना और चाँदी है।

प्रश्न 5. लोहा की वस्तुओं का जस्तीकरण क्यों किया जाता है ? [2021A]
उत्तर-लोहे पर जिंक धातु की पतली परत चढ़ाने की क्रिया को जस्तीकरण कहते हैं। जिंक की पतली परत चढ़ाये गये लोहे को गैल्वेनीकृत लोहा कहते हैं। इसका अधिकांश उपयोग लोहे की बाल्टी एवं पाइप आदि बनाने में होता है। लोहा को कॉपर से गैल्वेनीकृत नहीं कर सकते हैं, क्योंकि लोहा कॉपर की अपेक्षा अधिक क्रियाशील है।

प्रश्न 6. ऐनोडीकरण क्या है ? [2020.4]
उत्तर-एनोडीकरण एल्युमिनियम पर मोटी ऑक्साइड की परत बनाने की प्रक्रिया है। वायु के सम्पर्क में आने पर एल्युमिनियम पर ऑक्साइड की पतली परत का निर्माण होता है। एल्युमिनियम ऑक्साइड की परत इसे संक्षारण से बचाती है। इस परत को मोटा करके इसे संक्षारण से अधिक सुरक्षित किया जा सकता है। एनोडीकरण के लिए एल्युमिनियम की एक साफ वस्तु को एनोड बनाकर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ इसका विद्युत अपघटन किया जाता है। एनोड पर उत्सर्जित ऑक्सीजन गैस एल्युमिनियम के साथ अभिक्रिया करके ऑक्साइड की एक मोटी परत बनाती है। इस ऑक्साइड की परत को आसानी से रंग कर एल्युमिनियम की आकर्षक वस्तुएँ बनाई जा सकती है।

प्रश्न 7. कारण बताइए :
(a) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहित किया जाता है । [2018A, 2016C]
(b) एल्युमिनियम अत्यधिक अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है ? [2018A, 2015A]
(C) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया नाता है।[2016A, 2015A]
(d) निष्कर्षण की प्रक्रिया में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।[NCERT]
उत्तर-(a) सोडियम एवं पोटैशियम जैसी धातुएँ इतनी अभिक्रियाशील हैं कि खुले में रखने पर तत्काल आग पकड़ लेती है। अर्थात् उन्हें बचाने तथा आग लगने से रोकने के लिए उन्हें किरोसीन तेल के अंदर संग्रहित किया जाता है।
(b) एल्युमिनियम संक्षारित नहीं होता, साथ ही यह ऊष्मा का सुचालक है।
(C) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी बहुत कम अभिक्रियाशील हैं। नहीं होते। उनकी चमक भी तेज होती है। इन्हीं कारणों से इनका उपयोग आभूषण तथा संक्षारित भी बनाने के लिए किया जाता है।
(d) किसी धातु को उसके सल्फाइड और कार्बोनेट की अपेक्षा उसके ऑक्साइड से प्राप्त करना अधिक आसान है। इसलिए अपचयन से पहले धातु सल्फाइड एवं कार्बोनेट को धातु ऑक्साइड में बदल लेना चाहिए।

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प्रश्न 8. सोडियम को किरोसीन तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है ? [2016C, 2014A]
उत्तर-सोडियम सक्रिय धातु है जो वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाती है। यह पानी से क्रिया कर सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोजन उत्पन्न करती है। वायु में खुला छोड़ देने पर यह आग पकड़ लेती है। इसलिए, इसे मिट्टी के तेल में डुबोकर सुरक्षित रखते हैं।

प्रश्न 9. सल्फाइड अयस्क के सांद्रण के लिए फेन-उत्प्लावन विधि का संक्षेप में वर्णन करें। [M.Q., Set-III: 2015]
उत्तर- सल्फाइड अयस्कों का सांद्रण करने के लिए उन्हें खूब महीन पीसकर पाइन के तेल मिले जल के साथ मिलाकर हवा के झोके के द्वारा झाग पैदा किया जाता है। शुद्ध अयस्क झाग के साथ ऊपर आ जाता है तथा अशुद्धियाँ नीचे बैठ जाती हैं। यह विधि फेन-उत्प्लावन विधि कहलाती है।

प्रश्न 10. आयनिक यौगिकों के द्रवनांक उच्च क्यों होता है ? /2014A]
उत्तर- आयनिक यौगिकों के क्रिस्टल जालक में धनायन एवं ऋणायन एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित रहते हैं और परस्पर प्रबल अंतरआयनिक आकर्षण बल द्वारा जुड़े होते हैं। अतः, बंद संकुलित क्रिस्टलीय आकृति को तोड़ने के लिए अति उच्च ऊर्जा की आवश्यकता होती है। फलतः आयनिक यौगिकों के गलनांक उच्च होते हैं।

प्रश्न 11. धातुकर्म क्या है ? इसके विभिन्न चरणों को लिखें। [2011A]
उत्तर-धातुकर्म वह विधि है जिसके द्वारा अयस्क से शुद्ध धातु का निष्कर्षण होता है। अयस्क से शुद्ध धातु का निष्कर्षण निम्नांकित कई चरणों में होता है- (a) अयस्कों का समृद्धीकरण अयस्कों से गैंग को हटाने की प्रक्रिया को समृद्धीकरण कहते हैं। (b) धातुओं का निष्कर्षण-इसके लिए निस्तापन, भर्जन, अपघटन आदि विधि का प्रयोग होता है। (c) धातुओं का परिष्करण अशुद्ध धातुओं को विभिन्न विधियों, जैसे-विद्युत अपघटनी परिष्करण द्वारा शुद्ध किया जाता है।

प्रश्न 12. (i) क्या होता है जब लेड नाइट्रेट के घोल में पोटैशियम आयोडाइड डाला जाता है ?
(ii) यह किस प्रकार की अभिक्रिया है ?
(iii) इस अभिक्रिया को संतुलित समीकरण दें । [M. Q., Set-II: 2011]
उत्तर- (i) जब लैड नाइट्रेट के विलयन में पोटेशियम आयोडाइड मिलाया जाता है तो लैंड आयोडाइड का पीला अवक्षेप प्राप्त होता है।

प्रश्न 13. आपने ताँबा के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। ये खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?[NCERT]
उत्तर- ताँबा ऑक्साइड अम्लों से अभिक्रिया करता है, किन्तु ताँबा स्वयं अभिक्रिया नहीं करता। अतः, ताँबे को अम्लीय पदार्थों द्वारा साफ किया जा सकता है। ये ताँबे के संक्षारित हिस्सों (कॉपर ऑक्साइड) को अलग कर देता है तथा शुद्ध ताँबा बचा रह जाता है।

प्रश्न 14. जिंक मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइड को निम्नांकित धातुओं के साथ गर्म किया गया । [NCERT]
जिंक ऑक्साइड, मैग्नीशियम ऑक्साइड एवं कॉपर ऑक्साइड, किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी ?
उत्तर- केवल जिंक ऑक्साइड, मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर विस्थापन अभिक्रिया देगी। मैग्नीशियम ऑक्साइड विस्थापन अभिक्रिया नहीं कर सकता परंतु कॉपर ऑक्साइड, जिंक तथा मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर विस्थापन अभिक्रिया करेगा ।

प्रश्न 15. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अघातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं ? [NCERT]
उत्तर –अधातुएँ ऑक्सीजन से संयोग करके सह-संयोजक ऑक्साइड बनाती हैं-अम्लीय और उदासीन ।
(i) अम्लीय ऑक्साइड अधातुएँ ऑक्सीजन से संयोग करके सह-संयोजक ऑक्साइड बनाती हैं, जो पानी में घुलकर अम्ल बनाते हैं।

प्रश्न 16. लोहे के फ्राइंग पैन को जंग से बचाने के लिए निम्नांकित में से कौन-सी विधि उपयुक्त है ?[NCERT]
(a) ग्रीज लगाकर. (b) पेंट लगाकर
(c) जिंक’ की परत चढ़ाकर. (d) इनमें से सभी ।
उत्तर- ऊपर दिए गए सभी तरीके लोहे को जंग से बचाने में सक्षम हैं। परंतु (a) और (b) विधि फ्राई पैन के लोहे के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि ग्रीज और पेंट दोनों ही तत्त्व हैं जो गर्म करने पर जल जाते हैं। इसलिए, विधि (c) का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि जिंक लोहे से अधिक अभिक्रियाशील है, इसलिए यह लोहे को जंग नहीं लगने देता। क्योंकि जिंक का गलनांक लोहे से कम होता है और यह उच्च तापमान को सहन कर सकता है, इसलिए इसका प्रयोग फ्राई पैन में लोहे को जंग से बचाने के लिए किया जा सकता है। अतः, विधि (d) सही एवं उपयुक्त विधि है।

प्रश्न 17. गैल्वनीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर- लोहे की बनी वस्तुओं को पिघले हुए जिंक में डुबो देने से या विद्युत् विधि द्वारा लोहे पर एक बारीक जिंक की परत चढ़ाने की प्रक्रिया गैल्वनीकरण कहलाती है।

प्रश्न 18. एक वात्याभट्टी की उत्पादन क्षमता कितनी होती है ?
उत्तर- एक वात्याभ्ट्टी (Blast Furnace) में प्रतिदिन 3000 से 4000 टन तक लोहा उत्पन्न किया जा सकता है। एक बार प्रारंभ होने के बाद वात्याभट्टी लगातार 5 वर्ष तक चलती रहती है।

प्रश्न 19. धातुओं के अम्लीय एवं भस्मीय स्वभाव पर टिप्पणी लिखें । 
उत्तर-धातु ऑक्साइड का स्वभाव अम्लीय होता है, लेकिन एल्युमिनियम ऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड जैसे कुछ धातु ऑक्साइड अम्लीय तथा भस्मीय दोनों स्वभाव प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 20. कॉपर को वायु में खुला छोड़ने पर वह हरे रंग का हो जाता है, क्यों ?
उत्तर- कॉपर वायु में उपस्थित आर्द्र कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है। जिससे इसकी सतह से भूरे रंग की चमक धीरे-धीरे खत्म हो जाती है तथा इस पर हरे रंग की चमक चढ़ जाती है। यह हरा पदार्थ कॉपर कार्बोनेट होता है।

प्रश्न 21. धातु किसे कहते हैं ?
उत्तर-आवर्त सारणी के बायीं तरफ तथा मध्य में रखे जाने वाले तत्त्व धातु कहलाते हैं, जिनमें धात्विक चमक होती है। वे प्रायः तन्य, आघातवर्घ्य, विद्युत् और ऊष्मा की सुचालक, दृढ़ और अधिक घनत्व वाली होती हैं। इनके ऑक्साइड क्षारीय प्रकृति के होते हैं। लोहा, सोना, चाँदी, ताँबा, प्लैटिनम आदि धातुओं के उदाहरण हैं।

प्रश्न 22. धातुओं की जल के साथ अभिक्रिया पर प्रकाश डालें।
उत्तर-जल के साथ अभिक्रिया करके धातु, हाइड्रोजन गैस तथा धातु ऑक्साइड उत्पन्न करता है। जल में विलयशील है धातु ऑक्साइड इसमें और घुलकर धातु हाइड्रोक्साइड प्रदान करता है। लेकिन सभी धातु जल के साथ अभिक्रिया नहीं करते ।

प्रश्न 23. वल्कनीकरण किसे कहते हैं ? इस प्रक्रिया में रबड़ में क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर- वेसल्फर को प्राकृतिक रबड़ के साथ मिश्रित युगल करने की प्रक्रिया को वल्कनीकरण कहते हैं। जब प्राकृतिक रबड़ को सल्फर से मिलाकर गर्म करते हैं तो रबड़ अधिक कठोर तथा कम लचकदार हो जाता है। रबड़ एक बहुलक है जिसमें एक ही तल में अणुओं की एक लंबी श्रृंखला होती है जिसके कारण रबड़ को खींचा जा सकता है परंतु सल्फर मिलाने से उसका लचीलापन समाप्त हो जाता है, क्योंकि सल्फर रबड़ की श्रृंखला के समान अणुओं के मध्य आड़े बंध बनाता है। सल्फर कार्बन परमाणुओं के घूर्णन में भी बाधा डालती है।

प्रश्न 24. विद्युत अपघटनी शोधन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-कॉपर, जिंक, टिन, निकेल, चाँदी, सोना आदि जैसे अनेक धातुओं का शोधन विद्युत् अपघटन द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है। धातु के लवण विलयन का उपयोग विद्युत्-अपघट्य के रूप में होता है। विद्युत अपघट्य में जब धारा प्रवाहित होती है तब एनोड पर स्थित शुद्ध धातु विद्युत्-अपघट्य में घुल जाता है। इतनी ही मात्रा में शुद्ध धातु विद्युत्-अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाता है। विलयशील अशुद्धियाँ विलयन में चली जाती हैं तथा अविलयशील अशुद्धियाँ ऐनोड के नीचे निक्षेपित हो जाती हैं जिसे ऐनोड अवपंक कहते हैं।

प्रश्न 25. एल्युमिनियम के उपयोग बताएँ ।
उत्तर-एल्युमिनियम के उपयोग-
(1) एल्युमिनियम हल्की धातु होने के कारण, हवाई जहाजों की बॉडी और मोटर इंजन बनाने के काम आती है।
(ii) यह बर्तन, फोटोफ्रेम तथा घरेलू उपयोग की ओर अनेक वस्तुएँ बनाने में काम आती है।
(iii) यह बिजली का सुचालक है, इसलिए आजकल बिजली के स्थानांतरण के लिए इनका प्रयोग किया जाता है।
(iv) एल्युमिनियम की बारीक परतों को खाने का सामान, दवाइयाँ, दूध की बोतलें आदि पैक करने में प्रयुक्त की जाती हैं।
(V) एल्युमिनियम पाउडर सिल्वर पेंट बनाने के काम आता है।

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