Bihar Board 10th Biology जीव जनन कैसे करते हैं Subjective Question 2025: जीव जनन कैसे करते है Subjective Questions 2025 | 10th Biology Important Subjective Questions 2025, @officialbseb.com
Bihar Board 10th Biology जीव जनन कैसे करते हैं Subjective Question 2025:
प्रश्न 1. लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में कोई पाँच अन्तर लिखें। [20234, 20144]
उत्तर-
लैंगिक जनन. | अलैंगिक जनन |
1. लैंगिक जनन में नर और मादा दोनों की आवश्यकता पड़ती है। | 1. अलैंगिक जनन में नर तथा मादा दोनों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। |
2. उच्च स्तर के प्राणियों में ही इस प्रकार का जनन होता है। | 2.यह निम्न श्रेणी के जीवों में होता है |
3.लैंगिक जनन में निषेचन क्रिया के बाद जीवों का निर्माण होता होता है। | 3.अलैंगिक जनन में निषेचन क्रिया नहीं होती है। |
4. इस जनन द्वारा उत्पन्न संतान में नये-नये गुण विकसित हो सकते हैं। | 4.इस विधि द्वारा उत्पन्न संतान में नये गुण नहीं आ सकते हैं। |
5. लैंगिक जनन में बीजाणु उत्पन्न नहीं होते हैं। | 5.इस क्रिया में एक कोशिकीय बीजाणु उत्पन्न हो सकते हैं। |
प्रश्न 2. परागण क्या है? पर परागण की परिभाषा दें। [2023A, 2022A]
उत्तर- पुंकेसर के परागकोश से स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र पर परागकणों के स्थानांतरण को परागण कहते हैं।
परागकणों का यह स्थानांतरण जब एक ही फूल के अथवा एक ही पौधे के दो फूल के बीच होता है, तब इसे स्वपरागण कहते हैं।
जब परागण क्रिया एक ही जाति के दो अलग-अलग पौधों के फूलों के बीच सम्पन्न होती है, तब इसे पर-परागण कहते हैं। पर-परागण करने वाले फूल रंगीन तथा चमकदार होते हैं। पर-परागण में परागकणों का स्थानांतरण, कीट द्वारा, हवा द्वारा और पानी द्वारा होता है। परागण के फलस्वरूप बीज और फल बनते हैं। वर्षा – होने पर पर-परागण की क्रिया मंद हो जाती है।
प्रश्न 3. कायिक जनन क्या है ? [20224]
अथवा, कायिक प्रवर्धन को परिभाषित करें।[2019C]
उत्तर-जब पौधों के किसी भी अंग से नया पौधा तैयार हो तो उसे कायिक जनन/प्रवर्धन कहते हैं।
प्रश्न 4. अपरा (प्लैसेंटा) क्या है? इसका क्या कार्य है? [20224)
उत्तर- गर्भस्थ शिशु को माता के शरीर से जोड़नेवाले नाल को अपरा (प्लैसेंटा) कहते हैं। कार्य- इसका मुख्य कार्य मादा के शरीर के रक्त को शिशु के शरीर में पहुँचाना है, जिससे शिशु का पोषण, श्वसन, उत्सर्जन आदि क्रियाएँ सम्पन्न होती हैं।
प्रश्न 5. एक प्ररूपी पुष्प के सहायक अंगों का वर्णन करें।[20224]
उत्तर-एक प्ररूपी पुष्प में चार प्रकार के अंग होते हैं-
(i) बाह्यदल पुंज, (ii) दलपुंज, (iii) पुमंग तथा (iv) जायांग।
इनमें से दो बाहरी चक्रों यानी बाह्यदल पुंज एवं दलपुंज को सहायक अंग कहा जाता है। सहायक अंग फूल को आकर्षक बनाने के साथ आवश्यक अंगों की रक्षा भी करते हैं।
प्रश्न 6. गर्भ निरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं?[20224]
उत्तर- बच्चों के जन्म को नियमित करने के लिए आवश्यक है कि मादा का निषेचन न हो। इसके लिए मुख्य गर्भ निरोधक विधियाँ निम्नलिखित हैं-
(i) रासायनिक विधि-अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थ मादा निषेचन को रोक सकते हैं। स्त्रियों के द्वारा गर्भ निरोधक गोलियाँ प्रयुक्त की जाती हैं। झाग की गोली, जेली, विभिन्न प्रकार की क्रीमें आदि यह कार्य करती हैं।
(ii) शल्य- पुरुषों में नसबंदी तथा स्त्रियों में भी नसबंदी के द्वारा निषेचन रोका जाता है। पुरुषों की शल्य चिकित्सा में शुक्र वाहिनियों को काटकर बाँध दिया जाता है जिससे वृषण में बनने वाले शुक्राणु बाहर नहीं आ पाते। स्त्रियों में अंडवाहिनी को काटकर बाँध देते हैं जिससे अंडाशय में बने अंडे गर्भाशय में नहीं आ पाते।
(iii) भौतिक विधि-विभिन्न भौतिक विधियों से शुक्राणुओं को स्त्री के गर्भाशय में जाने से रोक दिया जाता है। लैंगिक संपर्क में निरोध आदि युक्तियों का प्रयोग इसी के अंतर्गत आता है।
प्रश्न 7. परागण किसे कहते हैं ? परागण पर वर्षा होने का क्या प्रभाव पड़ता है? [2021A]
उत्तर-पुंकेसर के परागकोश से स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र पर परागकणों के स्थानांतरण को परागण कहते हैं।परागकणों का यह स्थानांतरण जब एक ही फूल के अथवा एक ही पौधे के दो फूल के बीच होता है तब इसे स्वपरागण कहते हैं।
स्वपरागण करने वाले फूल अधिकतर सफेद होते हैं। जब परागण क्रिया एक ही जाति के दो अलग-अलग पौधों के फूलों के बीच सम्पन्न होती है तब इसे पर-परागण कहते हैं। पर-परागण करने वाले फूल रंगीन तथा चमकदार होते हैं। पर-परागण में परागकणों का स्थानांतरण, कीट द्वारा, हवा द्वारा और पानी द्वारा होता है। परागण के फलस्वरूप बीज और फल बनते हैं।
वर्षा होने पर पर-परागण की क्रिया मंद हो जाती है।
प्रश्न 8. द्विखंडन एवं बहुखंडन में दो अंतर लिखें।[20214, 2012C]
उत्तर-
द्विखंडन | बहुखंडन |
1. कोशिका के चारों ओर सिस्ट अथवा रक्षी भित्ति नहीं बनती है। | 1. कोशिका के चारों ओर सिस्ट अथवा रक्षी भित्ति बन जाती है । |
2. द्विखंडन में बहुखंडन की तरह की कोई प्रक्रिया नहीं होती है। | 2. सिस्ट के भीतर कोशिका का केन्द्रक कई बार खंडित होकर अनेक छोटे- छोटे केन्द्रक बनाता है जो संतति केन्द्रक कहलाते हैं। प्रत्येक संतति केन्द्रक के चारों ओर कुछ कोशिका द्रव्य एकत्रित हो जाता है और उसके चारों ओर पतली झिल्लियाँ बन जाती हैं। |
3. जनक जीव खंडित होकर दो नये को जीवों का जन्म देता है। | 3. जब सिस्ट फटती है तब उसमें उपस्थित अनेक संतति कोशिकाएँ निकल आती हैं जो नए जीवों को उत्पन्न करती हैं। |
प्रश्न 9. गर्भ निरोधक गोलियों के बारे में बताएँ। [20214]
उत्तर-कृत्रिम तरीके से विभित्र रसायनों द्वारा ऐस्ट्रोजेन तथा प्रोजेस्टेरॉन जैसे हॉर्मोन बनाए गए हैं जो गर्भ निरोधक गोलियों के रूप में उपलब्ध हैं। स्त्रियाँ जब इनका सेवन करती हैं तब उनके सामान्य मासिक चक्र बाधित हो जाते हैं तथा अंडोत्सर्ग नहीं हो पाता है। यह जनसंख्या-नियंत्रण की अत्यन्त सुरक्षित और प्रभावी विधि है।
प्रश्न 10. लैंगिक जनन का क्या महत्त्व है ? [20214]
उत्तर- लैंगिक जनन में संततियाँ, यद्यपि अपने माता-पिता के समान होने पर भी, उनके अथवा एक-दूसरे के समरूप नहीं होती हैं। कारण यह है कि संततियाँ कुछ जीनों को माता से और कुछ को पिता से प्राप्त करती हैं। अनेक विविध संयोजनों में माता और पिता के जीनों के मिश्रित होने के कारण, सभी संततियों में आनुवांशिक विविधताएँ होती हैं। इस तरह, लैंगिक जनन जीव संख्या में अत्यधिक विविधता को बढ़ावा देता है।
प्रश्न 11. मनुष्य में होनेवाले लैंगिक संचारित रोगों के नाम लिखें। [2021A]
उत्तर-लैंगिक जनन संचारित रोग (Sexually Transmitted Disease): यौन सम्बन्ध से होनेवाले संक्रामक रोग को कहा जाता है। यह रोग कई तरह के रोगाणुओं; जैसे-बैक्टीरिया, वाइरस, परजीवी प्रोटोजोआ, यीस्ट जैसे सूक्ष्मजीवों द्वारा होते हैं।
मनुष्य में होनेवाले ऐसे प्रमुख रोग निम्नलिखित हैं-
बैक्टीरिया जनित रोग गोनोरिया, सिफलिस, यूरेथ्राइटिस तथा सर्विसाइटिस बैक्टीरिया के संक्रमण से होनेवाले प्रमुख रोग हैं।
वायरस-जनित रोग (Virus Transmitted Disease): सर्विक्स कैंसर, हर्पिस तथा एड्स इत्यादि।
प्रोटोजोआ-जनित रोग (Protozoa Transmitted Disease): स्त्रियों के
मूत्रजनन नलिकाओं, एक प्रकार के प्रोटोजोआ के संक्रमण से होनेवाला रोग ट्राइकोमोनिएसिस है।
प्रश्न 12. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं ? [20204]
अथवा, अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए।[2012C]
उत्तर- अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन अधिक श्रेष्ठ है।
इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
(1) लैंगिक जनन में शुक्राणु तथा अंडाणु के सांयुजन के कारण DNA द्वारा पैतृक गुण वर्तमान पीढ़ी के सदस्य में हस्तान्तरित हो जाते हैं जो जीवित रहने के लिए अधिक शक्तिशाली होते हैं जबकि अलैंगिक जनन में एकल DNA होने के कारण जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है।
(ii) लैंगिक जनन में DNA की दोनों प्रतिकृतियों में कुछ न कुछ अंतर अवश्य होते हैं जिनके परिणामस्वरूप नई पीढ़ी के सदस्य जीव में भिन्नता अवश्य दिखाई देती है जबकि अलैंगिक जनन में भिन्त्रता नहीं दिखाई देती। यदि उसमें किसी कारण से भिन्नता आ जाती है तो जीव की मृत्यु हो जाती है। (iii) लैंगिक जनन उद्विकास में बहुत सहायक है जबकि अलैंगिक जनन उद्विकास में सहायक नहीं है।
प्रश्न 13. DNA प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्त्व है? [2018C]
अथवा, DNA की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है ?[2012C]
उत्तर-DNA गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं जो कोशिका के केन्द्रक में उपस्थित होते हैं। ये जनन की विशेष सूचना को धारण करनेवाली प्रोटीन के निर्माण के लिए उत्तरदायी होते हैं। प्रत्येक प्रकार की सूचना के लिए विशिष्ट प्रकार की प्रोटीन उत्तरदायी होती है। DNA के अणुओं में आनुवंशिक गुणों का संदेश होता है जो जनक से संतति पीढ़ी में जाता है।
प्रश्न 14. एककोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन-पद्धति में क्या अंतर है ? [2018A]
उत्तर एक कोशिक प्रायः विखंडन मुकुलन, पुनरुद्भवन, बहुखंडन आदि विधियों से जनन करते हैं। उनमें केवल एक ही कोशिका होती है। वे सरलता से कोशिका विभाजन के द्वारा तेजी से जनन कर सकते हैं। बहुकोशिक जीवों में जनन क्रिया जटिल होती है और वह मुख्य रूप से लैंगिक जनन क्रिया ही होती है।
प्रश्न 15. ऋतुस्राव क्यों होता है ? [2018A]
उत्तर- यदि नारी शरीर में निषेचन नहीं हो, तो अंड कोशिका लगभग एक दिन तक जीवित रहती है। अंडाशय हर महीने एक अंड का मोचन करता है और निषेचित अंड की प्राप्ति हेतु गर्भाशय भी हर महीने तैयारी करता है। इसलिए, इसकी अंतः भित्ति मांसल एवं स्पोंजी हो जाती है। यह अंड के निषेचन होने की अवस्था में उसके पोषण के लिए आवश्यक है। लेकिन निषेचन न होने की अवस्था में इस पर्त की भी आवश्यकता नहीं रहती। इसलिए यह पर्त धीरे-धीरे टूटकर योनि मार्ग में रुधिर एवं म्यूकस के रूप में बाहर निकल जाती है। इस वक्र में लगभग एक मास का समय लगता है। इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं। इसकी अवधि लगभग 2 से 8 दिनों की होती है।
प्रश्न 16. मुकूलन क्या है ?[2017A]
उत्तर- शरीर पर एक ऊर्ध्व संरचना बनती है जिसे मुकुलन कहते हैं। शरीर का केन्द्रक दो भागों में विभक्त हो जाता है और उनमें से एक केन्द्रक मुकुलन पैतृक जीव से अलग होकर वृद्धि करता है और पूर्ण विकसित जीव बन जाता है। जैसे यीस्ट, हाइड्रा तथा ल्यूकोसोलिनिया (स्पंज) आदि ।
प्रश्न 17. जनन कितने प्रकार का होता है ?[2017A]
उत्तर-सजीव में जनन दो प्रकार से होता है-
(1) अलैंगिक जनन-अलैंगिक जनन के लिए नर एवं मादा के जनन अंगों का कोई उपयोग नहीं होता है। अतः, एकल जीव प्रायः अलैंगिक जनन ही करते हैं। अलैंगिक जनन निम्न प्रकार के होते हैं- (i) विखंडन, (ii) मुकुलन, (iii) जीवाणु जनन, (iv) पुनर्जनन तथा (v) कायिक प्रवर्धन।
(2) लैंगिक जनन-लैंगिक जनन के लिए नर एवं मादा जनन अंगों का पारस्परिक सम्मिलन आवश्यक होता है। अतः, इसके लिए किसी जाति के दो व्यक्तियों (एक नर, एक मादा) की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 18. हम अपने माता-पिता के समान क्यों होते हैं? [2017]
उत्तर- 1902 ई० में सटन और बॉवेरी नामक वैज्ञानिकों ने स्वतंत्र रूप से आनुवंशिकी के गुणसूत्र सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
इस सिद्धांत के अनुसार, मेंडल ने आनुवंशिकता के लिए जिन कारकों को उत्तरदायी बताया था वे जीन हैं जो गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं। गुणसूत्रों का ही पृथक्करण होता है और उन्हीं का स्वतंत्र अपव्यूहन होता है। स्वतंत्र अपव्यूहन की घटना अर्द्धसूत्री कोशिका विभाजन के समय घटित होती है।
अर्द्धसूत्री कोशिका विभाजन के समय गुणसूत्रों का क्रॉसिंग ओवर होता है। उसी समय जब काइएज्मा बनता है तब जीनों की अदला-बदली और पुनर्योजन होता है। जीन जोड़ों में गुणसूत्रों से संयुक्त होते हैं। परन्तु, अर्द्धसूत्रण के समय अलग हो सकते हैं। इस प्रकार गुणसूत्र ही आनुवंशिकता के लिए उतरदायी होते हैं। इसीलिए हम अपने माता-पिता के समान होते हैं।
प्रश्न 19. वर्षा होने के समय मक्का के परागण क्रिया में क्या-क्या प्रभाव पड़ सकता है ?[M.Q., Set-III: 2011]
उत्तर-मक्का के पौधों में वायु परागण होता है। मक्का के पौधों में नर पुष्प एक मंजरी के रूप में शिखर पर लगते हैं जबकि मादा पुष्प पत्ती की कक्षा में नीचे की तरफ लगते हैं। वर्षा के समय परागकण भींग जाएँगे, जिससे वे वर्तिकाग्र तक नहीं पहुँच पाएँगे ।
प्रश्न 20. बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है ? [NCERT]
उत्तर-बीजाणु द्वारा जनन से जीव लाभान्वित होता है, क्योंकि बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है, और नम सतह के संपर्क में आने पर वह वृद्धि करने लगती है।
प्रश्न 21. शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है ? [NCERTI
उत्तर-शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि अपना स्राव शुक्र वाहिका में डालते हैं जिससे शुक्राणु एक तरल माध्यम में आ जाते हैं। इसके कारण इनका स्थानांतरण सरलता से होता है। साथ ही, यह स्राव उन्हें पोषण भी प्रदान करता है।
प्रश्न 22. जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर किसी भी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में जनन और मृत्यु का बराबर का महत्त्व है। यदि जनन और मृत्य-दर में लगभग बराबरी की दर हो तो स्थायित्व बना रहता है। एक समष्टि में जन्म-दर और मृत्यु दर ही उसके आधार का निर्धारण करते हैं।
प्रश्न 23, क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते ?[NCERT]
उत्तर-जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते, क्योंकि अधिकतर बहुकोशिक जीव विभिन्न कोशिकाओं समूह मात्र ही नहीं हैं। विशेष कार्य हेतु विशिष्ट कोशिकाएँ संगठित होकर ऊतक का निर्माण करती हैं तथा ऊतक संगठित होकर अंग बनाते हैं, शरीर में इनकी स्थिति भी निश्चित होती हैं। ऐसी सजग व्यवस्थित परिस्थिति में कोशिका-दर-कोशिका विभाजन अव्यवहारिक है।
प्रश्न 24. मानवों में लक्षणों की वंशागति किस बात पर आधारित होती है ?
उत्तर मानवों में लक्षणों की वंशागति इस बात पर आधारित होती है कि माता-पिता दोनों अपनी संतान में समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ को स्थानांतरित कहते हैं। संतान का प्रत्येक लक्षण पिता या माता के DNA से प्रभावित होता है।
प्रश्न 25. लिंग गुण सूत्र क्या है ?
उत्तर-मानवों में कुल 23 जोड़े गुण सूत्र होते हैं जिनमें से अंतिम 23वाँ जोड़ा लिंग गुण सूत्र (Sex Chromosome) कहलाता है। इसी के कारण कोई मानव नर या मादा के रूप में जन्म लेता है। नर में XY लिंग गुण सूत्र होते हैं पर मादा में XX लिंग गुण सूत्र होते हैं।
प्रश्न 26. पक्षियों का विकास डायनोसोर से क्यों माना जाता है ?
उत्तर-डायनोसौर सरीसृप थे। उनके विभिन्न जीवाश्मों में अस्थियों के साथ पंखों की छाप भी स्पष्ट रूप से मिलती है। तब शायद वे सब इन पंखों की सहायता से उड़ नहीं पाते होंगे पर बाद में पक्षियों ने पंखों से उड़ना सीख लिया होगा । इसीलिए पक्षियों की डायनोसोर से संबंधित मान लिया जाता है।
प्रश्न 27. F, संतति और F, संतति क्या है ?
उत्तर- प्रथम संतति F. कहलाती है जिसमें माता-पिता के दो लक्षणों में से एक केवल पैतृक लक्षण दिखाई देता है जिसका अर्थ है कि उन दोनों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई देता है। स्वपरागण की अवस्था में F, संतति दोनों के विकल्पी लक्षणों को प्रकट करती है।
प्रश्न 28. आप किस आधार पर सरीसृपों से हुआ था ? प्रमाणित करेंगे कि पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ था ?
उत्तर- सरीसृप और पक्षी दोनों अंडे देकर अपना वंश वृद्धि करते हैं। सरीसृप रेंग कर चलते हैं। जीवाश्मों से प्रमाणित हो चुका है कि उनकी अगली दो टाँगें परिवर्तित होकर पक्षियों के पंख बन गए थे। सरीसृपों के मुँह में दाँत होते हैं और पक्षियों की चोंच होती है। कबूतर के जन्म से पहले अंडे की अवस्था में भ्रूण के मुँह में दाँत-सी रचना होती है।
प्रश्न 29. मेंडल के कार्य का संक्षिप्त उल्लेख करें।
उत्तर-आस्ट्रिया निवासी मेंडल (1882-84) ने आनुवंशिकता को नियंत्रित करने के बारे में महत्त्वपूर्ण कार्य किया था। उसने मटर के पौधे के विभिन्न सात गुणों-पौधे की ऊँचाई, फूल का रंग, बीज की आकृति, फूलों की स्थिति, बीज का रंग, फलों का प्रकार, फली का रंग के बारे में तुलनात्मक अध्ययन किया था और परिणाम निकाला कि मटर के लक्षण कुछ विशेष इकाइयों द्वारा नियंत्रित होते हैं जिन्हें ‘कारक’ कहते हैं। यही बाद में आनुवंशिक सूचनाओं को संचारित करनेवाले ‘जीन’ कहलाये थे।
प्रश्न 30. जीन लक्षणों को कैसे नियंत्रित करते हैं ?
उत्तर-कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण के लिए एक सूचना तंत्र होता है, DNA के जिस भाग में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना होती है वह प्रोटीन का जीन कहलाता है। जीवों के लक्षण इसी हॉर्मोन पर निर्भर करते हैं। हॉर्मोन की मात्रा उस प्रक्रम की दक्षता पर निर्भर करती है जिसके द्वारा वे उत्पादित होते हैं। यदि विशिष्ट प्रोटीन दक्षता से कार्य करेगी तो हॉर्मोन पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न होगा और यदि प्रोटीन की दक्षता पर कुछ भिन्न प्रभाव पड़ता है, तो कम दक्षता के कारण हॉर्मोन कम होगा । जीन ही लक्षणों को प्रभावित और नियंत्रित करते हैं।